एलबीएस में आयोजित विधिक सेवा सप्ताह में सचिव ने व्यक्त किये विचार
गोंडा। देश के नागरिकों को विधिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर तहसील स्तर तक विधिक सेवा प्राधिकरण का 1995 में किया गया गठन ऐतिहासिक महत्व का कार्य है। यह प्राधिकरण देश के नागरिकों को निःशुल्क परामर्श एवं मदद प्रदान करता है। लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग इस सेवा का लाभ नहीं ले पाते।
ये बातें एल.बी.एस. कॉलेज में विधिक सेवा सप्ताह के अंतर्गत छात्र-छात्राओं के मध्य राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता विषयक विचार गोष्ठी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कृष्ण प्रताप सिंह ने कही। 8 नवंबर से 14 नवंबर तक चलने वाले विधिक सप्ताह में यह विधिक जागरूकता प्रसारित की जा रही है। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वंचितों, सताए हुए लोगों, न्याय की बाट जोहते हुए नागरिकों के लिए यह प्राधिकरण अत्यंत उपयोगी है। जरूरत इस बात की है कि अधिक से अधिक लोग इन सेवाओं का लाभ उठाएं।
विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि कृष्ण प्रताप सिंह का महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार ने स्वागत किया। अपने स्वागत उद्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को संविधान की उद्देशिका, मौलिक अधिकार एवं मूल कर्तव्य के मर्म को समझने की बात कही। आयोग से चयनित होकर आए नए प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार ने विधिक जागरूकता की जरूरत पर बल दिया।
इस अवसर पर मुख्य नियंता डॉ. जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिव शरण शुक्ल, हिंदी विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. जय शंकर तिवारी और राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अवधेश वर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेखा शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना ने किया।
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