जमकर मचाया भ्रस्टाचार, प्रति मीटर की गई 50 से लेकर 500 रुपये की वसूली
गोण्डा में सौभाग्य योजना को अधिकारी व बिजली कंपनियां पलीता लगा रहे है …. घर – घर मीटर लगाकर कागजों पर गांवों को रोशन किया जा रहा है। यहां सौभाग्य योजना के तहत पूरेतिवारी गांव में घर – घर बिजली का मीटर लगाया गया …. इस गांव में न एक भी बिजली का पोल है, न तार है और न ही ट्रांसफर है …. फिर भी कागजों में वादा पूरा करने के लिए घर – घर में मीटर लगा दिया गया। मीटर लगने के तीन महीने बाद भी गांव में बिजली सप्लाई नहीं पहुँची …. साथ ही मीटर लगाने के नाम पर ग्रामीणों से बिजली कंपनी द्वारा सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक की वसूली भी की गई। तीन महीने बाद भी बिजली न मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है …. मामला उच्च अधिकारियों के पास पहुँचने पर विद्युत वितरण निगम के एक्ससीएन अशोक यादव ने जांच के बाद दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की बात कह रहे है।
जिले के पूरे तिवारी गांव के पाठक पुरवा के लोंगों ने सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। इस गांव में लगभग 40 परिवार रहते है जिनके घरों में 70 सालों से बिजली नहीं आयी है …. ग्रामीणों के आवेदन पर बिजली विभाग ने बजाज कंपनी की मदद से कनेक्शन के नाम पर उनके घर सिर्फ मीटर लगा दिया …. मीटर देखकर आप जान सकते है कि इनमें कोई केबल कनेक्शन नहीं किया गया है …. ऐसा इसलिए कि इस गांव में न ही कोई खम्बा है, न ही तार और न ही ट्रांसफॉर्मर है जिससे इन मीटरों बिजली दौड़ाई जा सके। मीटर लगे हुए लगभग तीन महीने हो चुके है लेकिन इस गांव में बिजली आपूर्ति के लिए बिजली विभाग द्वारा अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सौभाग्य योजना के तहत तीन महीने पहले बजाज कंपनी और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने गांव में घर – घर मीटर लगाया …. मीटर लगाने के नाम पर 50 से पांच सौ रुपए तक कि ग्रामीणों से वसूली भी की गई और ग्रामीणों से कहा गया 10 दिनों के अंदर गांव में बिजली आ जायेगी। लेकिन तीन महीने गुजरने के बाद भी गांव में बिजली नहीं आई …. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग के एक्ससीएन से लेकर एसडीएम तक की लेकिन इन अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंगा। कुल मिलाकर जंहा एक तरफ सरकार अपनी महात्त्वाकाक्षी योजना सौभाग्य योजना के तहत हर गाँव और हर घर बिजली पंहुचा रही है तो वंही गोण्डा में अधिकारियों की उदासीनता और कार्यदायी संस्था की लापरवाही से इस योजना में पलीता लगता हुआ नजर आ रहा है …. मामला सामने आने के बाद देखना यह होगा कि अधिकारी और कार्यदायी संस्था कुम्भकर्णी नींद से कब जागती है और यंहा के ग्रामीणों को रोशनी कब नसीब होती है।
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