उत्तर प्रदेश गोंडा धर्म शिक्षा

श्रीरामचरितमानस की 445 जयंती, एलबीएस में आयोजित हुआ श्री रामचरितमानस जन्मोत्सव

गोण्डा ! श्रीरामचरितमानस के 445 जयंती के उपलक्ष्य में श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा के शोध केंद्र का सांस्कृतिक उपक्रम” सांस्कृतिकी ” के द्वारा आयोजित श्री रामचरितमानस जन्मोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती और गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।इसी क्रम में ऋषि राम तिवारी ‘सरल’, अवनींद्र विनोद, डॉ प्रकाश चंद्र गिरी को उत्तरीय, प्रतीक चिन्ह ,पुष्पगुच्छ देकर स्वागत सम्मान किया गया ।

शोध केंद्र के प्रभारी डॉ शैलेंद्र मिश्र द्वारा स्वागत वक्तव्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। महाकवि ऋषि राम तिवारी ‘ सरल ‘को छात्रसंघ अध्यक्ष उमेश शुक्ला द्वारा डी0 लिट्0 की मानद उपाधि देने की मांग की गई । शोध केंद्र द्वारा मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि देवीपाटन मंडल में बनने वाले विश्वविद्यालय का नाम गोंडा में जन्मे विश्व कवि गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर किया जाए। इस अवसर पर उपलब्ध समस्त प्रबुद्ध जनों द्वारा शासन प्रशासन से यह मांग भी की गई कि महाकवि ‘सरल ‘के प्रकाशित ,अप्रकाशित विपुल साहित्य का मूल्यांकन कराकर उन्हें उचित पुरस्कारों से विभूषित किया जाए।

गोंडा गौरव गीतकार गीत ज्ञान विज्ञान के रचियता पर अवनींद्र विनोद द्वारा श्रीरामचरितमानस के अंतिम दो दोहों के मध्य की अंतर कथा गीतबद्ध गायन किया गया। डॉ प्रकाश चंद्र गिरी ने श्रीरामचरितमानस के माहात्म्य और वर्तमान जीवन के लिए उसकी उपादेयता पर प्रकाश डाला। डॉ जयशंकर तिवारी ने महाकवि निराला की ‘राम की शक्ति पूजा’ का पाठ किया। डॉ ऋषिकेश सिंह ने स्वरचित “आंजनेय एकदश”का पाठ किया। शोध केंद्र श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में शोध कार्य कर रहे श्री विपुन राम पगारे ने अपने शोध कार्य” वैश्विक चुनौतियां और श्रीरामचरितमानस से समाधान”पर प्रकाश डाला। महामाया डिग्री कॉलेज श्रावस्ती के प्राचार्य डॉ धर्मेंद्र गुप्त ने भारतीय शास्त्र और साहित्य को जीवन का मार्गदर्शक बताया। बहराइच के डी सी के हिंदी विभागाध्यक्ष नीरज पांडे ने श्री रामचरितमानस और गोस्वामी तुलसीदास पर हुए शोध कार्यों को रेखांकित किया।

इस अवसर पर श्री राम जन्म भूमि अयोध्या जी में बन रहे प्रभु श्री राम के मंदिर की दीवारों पर चित्रित होने वाले चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। महाकवि सरल के हस्तलिखित एवं प्रकाशित ग्रंथों की भी प्रदर्शनी लगाई गई। महाकवि सरल ने अपने आत्मकथ्य में लौकिक जीवन के प्रति अपनी निस्पृहता प्रगट की। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ आर के पांडेय ने आश्वस्त किया कि महाविद्यालय प्रशासन महाकवि सरल की समस्त कृतियों की स्कैनिंग कराकर उसकी पीडीएफ फाइल तैयार कराकर माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री को को प्रेषित करेगा। जिससे शासन द्वारा सम्मान का मार्ग प्रशस्त हो सके। मंच द्वारा डॉ सविता मिश्र ‘मागधी’ की दो कृतियों का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम के प्रबंधन में डॉ अमन चंद्रा, डॉ मुक्ता टंडन ,दीप्ति गुप्ता, डॉ ममता शुक्ला, डॉ चमन कौर एवं हिंदी परास्नातक के छात्र-छात्राओं द्वारा विशेष योगदान दिया गया। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ,अतिथियों, अभ्यागतों एवं सहयोगियों को हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ जयशंकर तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।कार्यक्रम का संचालन बड़ी संवेदनशीलता एवं कुशलता से डॉ रेखा शर्मा ने किया।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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