जुर्माने के बाद हुक्का पानी बन्द तथा सामाजिक बहिष्कार का मिलेगा दण्ड
कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। यू ंतो सरकारें धार्मिक क्षेत्रों मे अक्सर मांसाहार की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाती रहती है परन्तु हिमाचल प्रदेश के इस गांव में सरकार या प्रशासन नही बल्कि यहां के देवता ने यह प्रतिबध्ंा लगा दिया है। इतना ही नही बाकायदा इन प्रतिबध्ंाो को न मानने वालो ंपर दण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
देव संस्कृति से जुडे कुल्लू जिले के मलाणा गावं के स्थानीय देवता ने यह प्रतिबध्ंा लगाया है। बताया जा रहा है इस गावं मे सरकार नही बल्कि स्थानीय देवता के नियम कानूनों का सख्ती से पालन किया जाता है। कोई व्यक्ति एक बार तो सरकारी नियमों की अनदेखी या फिर उनका उल्लंघन कर सकता है लेकिन जो नियम या कानून देवता द्वारा बनाये जाते है उनके उल्लंघन की हिम्मत कोई नही कर सकता।
मिल रही जानकारी के अनुसार इस बाद देवता ने आदेश दिया है कि पूरे मलाणा क्षेत्र मे कही भी न तो मांसाहार जैसे मीट मछली और अंडा तथा शराब की न तो बिक्री ही होगी ओर न ही कोई सेवन करेगा। यह आदेश पूरे मलाणा के क्षेत्रफल पर लागू होगा। खास बात तो यह है कि देवता ने इन नियमो की अनदेखी या उल्लघन करने वाले पर दण्ड का भी प्रावधान किया है। बताया जा रहा है यदि कोई इस नियम का उल्लघन पहली बार करता है तो उस पर ग्यारह सौ रूप्ये का जुर्माना लगाया जायेगा इस पर भी यदि उसने गलती की तो उसका हुक्का पानी बन्द कर सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा।
गावं के देवता का कहना है कि लोगों के मांसाहार या फिर मदिरा के सेवन से पूरे हिमांचल के देव संस्कृति अपवित्र होती जा रही है जिसकी पवित्रता केा बचाने के लिए इन नियमो का पालन जरूरी है इसलिए इन नियमो को कडाई से पालन किया जाना आवश्यक है।
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