गोण्डा। आज़ादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने के क्रम में एलबीएस कॉलेज के ललिता शास्त्री सभागार में पूर्वापर, स्पंदन और हिंदी विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘इक्कीसवीं सदी में साहित्य की दिशाएं’ विषयक संगोष्ठी, पुस्तक विमोचन कार्यक्रम, साहित्यकार-सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। पूर्वापर, स्पंदन और महाविद्यालय का हिंदी विभाग प्रतिवर्ष ऐसे साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करता है। जिसमें जनपद गोण्डा और पार्श्ववर्ती जिलों के साहित्यकार प्रतिभाग करते हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ।
स्वप्निल श्रीवास्तव, फैज़ाबाद, देवनाथ द्विवेदी, कृष्ण नंदन तिवारी ‘ ‘नंदन’ सावित्री दीक्षित धर्मपत्नी स्व. छोटेलाल दीक्षित को उत्तरीय, पुष्पगुच्छ और सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार पांडेय को भी उत्तरीय तथा पुष्पगुच्छ द्वारा अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यपाल सिंह की ग्रंथावली के पाँच खंडों, यज्ञराम मिश्र यज्ञेश के ‘दिया जलने दो’, ‘चलें गाँव की ओर’, महेश के ‘कुहरे में गांव’ उमा सिंह के ‘काश अमन’, गणेश प्रसाद की ‘विचारधारा का आकर्षण’ पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इन पुस्तकों के रचयिताओं ने अपनी रचनाधर्मिता पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र नाथ मिश्र द्वारा किया गया। साहित्यकार स्वप्निल श्रीवास्तव, डॉ. जयशंकर तिवारी, डॉ. सूर्यपाल सिंह ने 21 वीं सदी के साहित्य की विभिन्न दिशाओं पर अपना विचार व्यक्त किया।
काव्य – गोष्ठी में दर्जनों कवियों ने अपना कविता पाठ किया। सूर्यपाल सिंह, हीरा सिंह मधुर, गणेश प्रसाद तिवारी नैश, जमील अहमद आजमी, स्वप्निल श्रीवास्तव, इब्राहिम दानिश, किरण सिंह, ज्योत्स्ना रश्मि, यज्ञराम यज्ञेश, कृष्णनंदन तिवारी नंदन, उमा सिंह, शिवकांत मिश्र विद्रोही, विंध्यमणि तिवारी, रघुनाथ पांडेय, अवधेश सिंह, ऋषिकेश सिंह, अजय अजर आदि कवियों ने इस अवसर पर अपनी कविताओं का पाठ किया तथा सभागार में मौजूद श्रोताओं को रससिक्त करने कार्य किया। कविता या शायरी दिल से निकलती है, इसलिए दिल को छूती है।
कार्यक्रम के अंत में पूर्वापर के संस्थापक डॉ. सूर्यपाल सिंह और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने समस्त साहित्यकारों, अभ्यागतों के प्रति आभार व्यक्त किया |