अस्पताल प्रमुख अधीक्षक एस के रावत ट्रैफिक कंट्रोल के लिए करेंगे एक नई पहल
गोण्डा।बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजो व उनके तीमारदारों को भीषण जाम से आये दिन जूझना पड़ रहा है।वही तमाम सरकारी विभागों से काम के लिए आने वाले सरकारी वाहन,सरकारी एम्बुलेंस भी इसी जाम मे फंस कर घंटो खड़ी रहती हैं लेकिन विभाग इस चिल्ल पों से बेपरवाह रह कर अपना काम किसी तरह चला रहा है।लेकिन परेशानी बढ़ती देख अब अस्पताल प्रशाशन भी इस समस्या से निजात पाने का रास्ता ढूंढने में लग गया है।इसके लिए प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर एस के रावत ने अब अपने यहां तैनात करीब छ:(6)चौकीदारों से गार्ड का काम लेने का मन बनाया है।
क्या है समस्या का मुख्य कारण
जिला अस्पताल में मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही रास्ता दो भागों में बंट जाता है।दाहिनी ओर सी एम ओ कार्यालय बायीं ओर अस्पताल का एमरजेंसी प्रवेश द्वार।इसी के बगल सी एम एस डी स्टोर व अस्पताल में पीछे की ओर जाने का रास्ता भी बना हुआ है।समस्या टैब खड़ी होती है जब अस्पताल के भवन में प्रवेश करने के लिए इमरजेंसी गेट के पास वाहन खड़े हो जाते है।वही मुख्य बीच के प्रवेश द्वार के दोनों ओर लगे जंजीरों से लोगों का आवागमन बन्द हैं।परेशानी की सबसे बड़ी वजह भी यही है।होता यह था कि जब भी कोई वाहन इमरजेंसी की तरफ आता था वह सीधा मुख्य प्रवेश द्वार से होकर बाहर निकल जाता था लेकिन अब ऐसा नही है।भीड़ का जमावड़ा गाड़ियों का बेतरतीब खड़ा रेला सब एक साथ अब इमरजेंसी गेट को अवरुध्द किये हुए है।इसके कारण अब वाहनों को बैक कर वापस घुमा कर जाने में भी अक्सर जाम लग जाता है।वही दूसरी ओर सी एस डी स्टोर की तरफ जाने वाले वाहन व सी एम ओ कार्यालय आने वाले वाहन यह भी इस समस्या को और बढा देते है।
क्या है इस समस्या से छुटकारा पाने का हल
इस मुसीबत से पीछा छुड़ाने के लिए अस्पताल प्रशाशन को पूर्व की भांति अपने गार्ड लगाने होंगे जो बाहर से अंदर की तरफ आने वाले वाहनों को कंट्रोल कर उन्हें उचित स्थान पर लगाने का निर्देश बराबर देते रहे।वहीं अस्पताल प्रशाशन को अपने सरकारी व कर्मचारियों के वाहन को खड़ा करने के लिए स्थान का निर्धारण भी करना होगा।इमरजेंसी गेट के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने जगह को खाली रखना होगा।अस्पताल भवन के मुख्य बीच के द्वार के दोनों ओर लगे जंजीरो को भी खोलना होगा।ऐसा करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है।
इसके हल के लिए क्या कर रहे है जिम्मेदार
बेहद जटिल बन चुके इस समस्या के लिए अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि पूर्व में 6 गार्ड यहां तैनात थे जिन्हें वेतन का भुगतान न किये जाने के कारण हटा दिया गया।उनके जाने के बाद समस्या और बढ़ गयी है।जल्द ही वह अपने चौकीदारों को वर्दियाँ पहनाएंगे।उन्हें सुरक्षा के लिए डंडे व निर्देश देने के लिए सीटी भी उपलब्ध कराएंगे।इन चौकीदारों को गार्ड की भूमिका में तैनात कर उनसे ट्रैफिक कंट्रोल करने का काम अब लिया जाएगा।ऐसा करने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिससे वह वाहनों को उचित स्थान पर पार्क करवा सके।
उन्होंने आम जनता से भी यह अपील की है लोग अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करे।भर्ती मरीजों के तीमारदार इस बात का विशेष ध्यान रखे।
प्रमुख अधीक्षक के अनुशार अब इस परेशानी से जल्द ही लोगों को छुटकारा मिल जाएगा,लेकिन इसकी संभावना कम ही दिखती है क्योंकि प्रमुख अधीक्षक ने वाहनों के पास आउट समस्या की तरफ अभी भी ध्यान नही दिया है।उन्हें लगता है कि अस्पताल भवन के बीच का प्रवेश द्वार दोनों ओर से जंजीरो के द्वारा बैंड कर दिए जाने से सामने की तरफ सब सामान्य दिखता है लेकिन इसी की वजह से सारा ट्रैफिक बाधित है जिसके कारण वाहनों की निकासी एकतरफा बानी हुई है यही मुख्य मुसीबत है।
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