उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल स्वास्थ्य

एक सौ पचास करोड़ जारी फिर भी फांकाकशी को विवश स्वास्थ्य कर्मचारी

आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को नही मिला पिछले चार माह से वेतन

कोई पुरसा हाल नही, विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने को हैं विवश

गोंडा। मंडल मुख्यालय स्थित पुरुष जिला चिकित्सालय में प्रमुख आउट सोर्सिंग कंपनी शिवम इंटर प्राइसेज के द्वारा कार्यरत स्टाफ नर्स एवम चतुर्थ श्रेणी के ४५ कर्मचारियों को पिछले चार माह, अप्रैल से इस माह जुलाई तक वेतन भुगतान नहीं किया गया है, यही नहीं उनके वार्षिक 5% इंक्रीमेंट को भी रोक कर रखा गया है जिसका भुगतान वेतन के साथ ही किया जाना था। न्यूनतम वेतन पर कार्य करने वाले इन कर्मचारियों के घर वेतन न मिलने से फांका कशी की नौबत आ चुकी है लेकिन कर्मचारियों की इस परेशानी को लेकर अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।

मिशन निदेशक जारी कर चुके है करोड़ों का बजट, फिर भी हो रही हिला हवाली

कर्मचारियों में इस बात को लेकर रोष है, कि वह जब भी अपनी परेशानी लेकर अधिकारियों तक जाते हैं तो उन्हें एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक दौड़ाया जाता है लेकिन समाधान की दशा में बस एक ही जवाब मिलता है कि बजट नही है,जबकि राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई,राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन उत्तर प्रदेश के द्वारा दिनांक 19/7/22 में एक सौ, पचास करोड़, दस लाख, साठ हजार ,छ:सौ इकतीस रुपया का बजट जारी किया जा चुका है फिर इन्हें वेतन देने के लिए बजट का रोना रोया जा रहा है।

मानसिक रूप से टूट चुके है कर्मचारी

घर में आर्थिक समस्याओं से लगातार चार माह से जूझ रहे कर्मचारियों का कोई पुरसा हाल नही है। कर्मचारी मानसिक रूप से टूट चुके हैं जिसका प्रभाव कार्य पर पड़ना तय है। चार दर्जन से अधिक कार्यरत कर्मचारियों के सामने घर से लेकर बाहर तक कई समस्याएं है जिन्हे गिन कर लिखना मुमकिन नही है। इन कर्मचारियों में 29 स्टाफ नर्स, 5 वार्ड आया, 2 ओटी टेक्नीशियन, 2 कुक, 2 एल टी, 3 एक्सरे टेक्नीशियन, 1 फिजियो थैरेपिस्ट शामिल है।

क्या कहते है जिम्मेदार

जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर इंदुबाला का कहना है, कि शिवम इंटर प्राइसेज के कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर उनके पास कोई बजट फिलहाल उपलब्ध नहीं है,इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी से कई बार पत्राचार एवम मौखिक वार्ता उनके द्वारा की जा चुकी है किंतु बजट के अभाव के चलते भुगतान नही हो पा रहा है।
इस संबंध में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा से बात की गई ,तो उन्होंने बताया कि बजट नही है,जब उनसे मिशन निदेशक के द्वारा एक सौ, पचास करोड़, दस लाख , साठ हजार,छ: सौ इकतीस रुपया का बजट 19/7/22 को जारी किए जाने की बात कही गई तो उन्होंने जवाब दिया कि स्वास्थ समिति की मीटिंग में यह बात रखी गई थी,बजट यदि आ गया है तो उसे लेकर वेतन भुगतान की कार्यवाही में वक्त लगेगा।
हर माह वेतन भुगतान को लेकर दर दर भटक रहे इन कर्मचारियों के लिए वेतन भुगतान किए जाने में आखिर अधिकारी मिशन निदेशक के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं करते,पत्रांक संख्या 25/06/2020,21/950 दिनांक 15/06/2020,21को जारी किए गए पत्र में स्पष्ट इस बात का उल्लेख है कि हर माह की 7 सात तारीख को कर्मचारियों का वेतन भुगतान हर हाल में कर दिया जाए।कर्मचारियों का वर्ष 2020/ में 5% व 2021 में 5% एरियर बढ़ाया गया था जो की अब 10% होता है का भी भुगतान माह अप्रैल से जोड़ कर।दिया जाना चाहिए, किंतु कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने में ही विभाग के पसीने छूट रहे हैं, बिना वेतन विपरीत।परिस्थितियों में कार्य कर रहे इन कर्मचारियों की सुधि जिला स्वास्थ समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी को अवश्य लेनी चाहिए।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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