(सुरेश चंद्र तिवारी)
परसपुर गोंडा:- दादी प्रकाशमणि जी का जीवन मानव मात्र के लिए अनुकरणीय है दादी के हर बोल में अमृत बरसता था दादी जीवन में किसी को यदि शिक्षा भी देती थीं तो सभ्यता के साथ।
उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए दादी प्रकाशमणि जी के 15 वें पूर्ण स्मृति दिवस पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परसपुर सेवा केंद्र की प्रभारी ब्रम्हाकुमारी अनामिका बहन ने कहा कि आज का दिन बहुत ही विशेष है आज के ही दिन दादी जी ने 2007 में अपना शरीर छोड़ा था।
दादी प्रकाशमणि जी के द्वारा संस्था का जब से बागडोर संभाला जाना शुरू हुआ तबसे संस्था का भारत सहित विश्व के 145 देशों में विस्तार हुआ जहां मानव मात्र में सुख शांति का आगाज हुआ , तो वहीं करोड़ों मनुष्यों के जीवन में दिव्यता की भरपूरता हुई!
अनामिका बहिन आगे कहा कि दादी जी के जीवन की विशेषताओं को यदि माला में पिरोने की कोशिश की जाए तो सायद सूत ही कम पड़ जाए
अनामिका बहिन उपस्थित लोगों का आवाहन किया की दादी के मूल्य निष्ट विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने से ही , जीवन में विशेषताएं भरेंगी।
दादी जी छप्पन प्रकार का भोग लगाकर , पुष्पांजलि अर्पित की गई सभी को भोग प्रसाद वितरण किया गया।
उक्त अवसर पर बासुदेव सिंह, कमला प्रसाद सिंह सभासद, जगदीश सोनी, हरिद्वार सिंह, रामनिहाल सिंह, रामनिहाल सोनी, राधेश्याम मिश्रा, पारसनाथ पाठक ,अनूप सिंह , सुधीर कुमार जायसवाल, ज्ञानचंद चौधरी, रवि यज्ञसैनी,रामलखन यज्ञसैनी,आशीष मौर्या , शकंर भाई,सुनील भाई , हर्षित सिंह ,संजीत सिंह,शेखर सिंह ,अनुभव सिंह, शालू बहिन, एजंल बहिन, उमामाता,रमा, सुषमा,ममता, पूनम,रीता, शकुंतला,आशा सिंह, लक्ष्मी सिंह, अर्चना सिंह, रेनू सिंह, आदि भाई बहिनें उपस्थित रहे।
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