पटना। कोई राजनैतिक पार्टी अपने वोट के लिए राष्ट्द्रोह को भी समर्थन दे सकता है शायद भारत में यह किसी ने सोचा भी नही होगा लेकिन आज भ्रष्टाचार के सिरमौर बन चुके राष्ट्ीय जनता दल के सर्वेसर्वा लालू यादव की पार्टी ने यह कारनामा भी अंजाम दे दिया। लालू की पार्टी के एक नेता ने पीएफआई द्वारा पाकिस्तान जिन्दाबाद के लगाये गये नारे को यह कहते हुए अपना समर्थन दे दिया कि यह नारा केवल प्रोटेस्ट का इजहार है। इतना ही नही एक तरह से इस राष्ट्द्रोही कुक्त्य का समर्थन करने के बाद उन्होनें पीएफआई का बचाव करते हुए यह भी कह दिया कि इससे ऐसा भी नही है िकवह पाकिस्तानी हो गये।
एनआईए और ईडी की ताबडतोड छापेमारी के बाद विरोध में पीएफआई के प्रर्दशन के दौरान पाकिस्तान जिन्दाबाद के लगाये गये नारे के बाद जहां देश के कई हिस्सोें में पीएफआई का विरोध शुरू हो गया है वही दूसरी ओर भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात हो चुके राष्ट्ीय जनता दल के बुजूर्ग नेता ने पीएफआ्रई के इस नारे का समर्थन कर एक नयी बहस को जन्म दे दिया है।
घटनाक्रम की शुरूआत उस बयान से हुयी जिसमें भाजपा नेता नितेश राणे ने पाकिस्तान जिदाबाद के नारे लगाने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा था कि जिस किसी ने भी पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाया है उसे चुन चुन कर मारा जायेगा। लेकिन शायद इस बयान से पीएफआई से भी ज्यादा तकलीफ राष्ट्ीय जनता दल के नेता शिवानन्द तिवारी को हुयी जिससे उन्होनें आनन फानन मे एक तरह से पीएफआई के नारे का समर्थन करते हुए बयान दे दिया कि पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा केवल प्रोटेस्ट का इजहार है। साथ ही उन्होनें यह भी कह दिया कि इससे वह पाकिस्तान नही हो जाते।
तिवारी के बयान पर जहां महाभारत छिड गयी है वही भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरजेडी पर हमला करते हुए कहा कि राजद का मानना है कि यह पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा ठीक है। वही भाजपा नेता रामकदम ने आरजेडी को निशाने पर लेते हुए कहा कि भारत की धरती पर इस तरह के नारे स्वीकार नही किये जा सकते, इस तरह के नारे का विरोध करने की जगह कुछ पार्टिया इसका समर्थन करने पर आ गयी है जो कि गलत है।
हालाकि वास्तविकता तो यह है कि तुष्टिकरण पर आधारित राजनीति करने वाली आरजेडी द्वारा किया गया यह समथ्र्रत मात्र मुस्लिम वोटो को अपनी ओर मोडने का जरिया मात्र है।
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