लखनऊ। सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपनी विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने और सरोजनी नगर को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है, उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को तीन हजार सिलाई, पीको और इंटरलॉकिंग मशीनें प्रदान कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में शामिल करने की अनूठी पहल का शुभारम्भ किया है। इस पहल के प्रथम चरण में चार स्वयं सहायता समूहों को अड़सठ मशीनें प्रदान की जा रही हैं।
बेंती और ऐन क्लस्टरों को कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी(CSR) के माध्यम से पांच मोटराइज्ड सिलाई मशीन, दस मैन्युअल सिलाई मशीन, एक इंटरलॉकिंग मशीन और पीको मशीन सहित कुल चौतीस मशीनों का वितरण किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह उपस्थित रहीं जिन्होंने फीता काटकर क्लस्टर का उद्घाटन किया। इस दौरान सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया।
इसी कड़ी में आज डॉ. राजेश्वर सिंह के साथ कई नामी टेक्सटाइल कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहा जिसमें सुनीत खरबंदा, अनिल पेशावरी, व्यवसायी शरद चौधर, इसके अलावा साथ ही प्रसिद्ध स्किल अपग्रेडेशन एक्सपर्ट पूजा मखीजा व कौशल विकास प्रशिक्षक कुशाग्र सिंह भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि कपड़ा सभी की अनिवार्य आवश्यकता है, इसकी मार्केट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में है जिसमें कभी डिमांड कम नहीं होती। टेक्सटाइल उद्योग को बड़े पैमाने पर सरोजनी नगर में स्थापित करना है, क्योंकि भविष्य के संभावित 5 सफल उद्योगों में कपड़ा उद्योग भी शामिल है, इसका ग्रोथ रेट 8.7 प्रतिशत है। टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित होने से सरोजनी नगर देश और प्रदेश का आर्थिक विकास का मजबूत सहभागी बनेगा।
क्लस्टर हेड बेंती माहेश्वरी द्विवेदी, क्लस्टर टीम के सदस्य अजित शुक्ला, द्रौपदी और रश्मि, रूबी शर्मा, सुषमा देवी, रेखा देवी ,रश्मि त्रिवेदी, रामप्यारी ,सोनी कश्यप , रेनू त्रिपाठी, सरोज बाला सोनी,सहित हजारों क्लस्टर समूह की सखी महिलाओं ने, सरोजिनी नगर के प्रबुद्ध और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया ।
भारतीय नगरी परिषद के महामंत्री रीना त्रिपाठी ने सरोजनी नगर ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार स्थापित करने की सरोजिनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह जी की पहल की और दूरदर्शिता पूर्ण आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम की तारीफ की। उन्होंने कहा निश्चित रूप से इस पहल से महिलाएं स्वावलंबी होंगी। फैक्टरियों की स्थापना से रोजगार मिलेगा, महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होगी तो सही मायने में आर्थिक स्वाबलंबन प्राप्त होगा और ये महिलाएं सामाजिक राजनीतिक तथा आर्थिक रूप से महिला सशक्तिकरण को सिद्ध करेंगी।
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