लखनऊ। क्षेत्र के चर्चित व्यक्ति राघवेंद्र पांडेय ‘रन्नू’ की पत्नी ऋचा पांडेय इस बार इस्माइलगंज वार्ड दो से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। ऋचा पांडेय अपने पति राघवेंद्र पांडेय ‘रन्नू’ के पदचिन्हों पर चलने वाली एक उच्च शिक्षित स्नातक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं।
राघवेन्द्र पाण्डेय ‘रन्नू’ गोण्डा जिले के मूल निवासी व कल्याणी विहार में रहते हैं। राघवेन्द्र पाण्डेय उच्च शिक्षित ‘एम. फिल’ डिग्री धारक सफल व्यवसाई व प्रसिद्ध समाजसेवी व्यक्ति हैं। परिसीमन के पहले व बाद में भी बहुत से गांव जुड़ने से उनके वार्ड में समस्याओं का अम्बर हैं जो कि इस्माइलगंज वार्ड में पहले से ही थीं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार पिछले बहुत सालों से क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तमाम रास्ते ऊबड़-खाबड़ वह खराब पड़े हैं, जलनिकासी सबसे बड़ी समस्या है व पेयजल की आपूर्ति नहीं है, कल्याणी विहार जैसे इलाके तो बहुत पिछड़े हैं। वार्ड के बहुत सारे लोगों के मन में का मौजूदा पार्षद के खिलाफ बड़ा आक्रोश है।
राघवेन्द्र पाण्डेय ‘रन्नू’ पिछले बहुत सालों से लोगों की भलाई के काम में लगे हुए हैं क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने बड़े-बड़े जन आंदोलन, धरना प्रदर्शन आदि किए हैं, उनके प्रयासों से मुलायम नगर से किशोरी लाल चौराहे तक की सड़क का निर्माण हुआ है, सरकारी जमीन पर बच्चों के खेल मैदान के हक में लड़ाई अभी भी लड़े जा रही है, जिसपर सरकारी भवन बनाया जा रहा था लेकिन राघवेन्द्र पाण्डेय ‘रन्नू’ के विरोध प्रदर्शन के चलते शासन को कदम पीछे लेने पड़े, मामला अभी भी कोर्ट में हैं। राघवेन्द्र पाण्डेय ‘रन्नू’ ने अपने संसाधनों से क्षेत्र में करीब 400 स्ट्रीट लाइटें लगवाई हैं, तमाम जर्जर रास्तों पर सैकड़ों ट्राली मलबा अपने खर्च से डलवाकर लोगों को जलभराव से मुक्ति दिलाई है।
कमता से रजत गर्ल्स डिग्री कालेज वाली सड़क पर कई लाइट पोल सड़क के बीच बीच लगे हैं, वर्षों से प्रशासन जिस पर आंख मूंदे है, लगातार दुघर्टनाएं होती हैं, इसकी लड़ाई भी राघवेन्द्र पाण्डेय लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पार्टी ने मौका दिया तो जनता उन्हें जरूर आशीर्वाद देगी और उनकी प्राथमिकता अपने वार्ड को सबसे पहले गंदगी वह जलभराव से मुक्त करना होगा, पेयजल आपूर्ति के साथ वे स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देंगे।
गोंडा जिले के मूल निवासी शुद्ध सात्विक कर्म कांडी ब्राहमण राघवेन्द्र पाण्डेय राजनीति में सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ लगातार संघर्षरत हैं।
सबसे बड़ी बात तो ये है की ज़बसे ऋचा पाण्डेय ने चुनावी समर में उतरने का निर्णय लिया है तबसे क्षेत्र के मठाधीश जिन्होंने क्षेत्र की जनता को दुधारू पशु समझ रखा था, सबकी नींदे उडी हुई है क्योंकि राघवेंद्र पाण्डेय की छवि और उनके कार्यों ने क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बना रखी है जो उन लोगो के लिए आने वाले समय में बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है।