मामले को शांत कर प्रकरण का पटाक्षेप करने का किया जा रहा प्रयास
गोण्डा। चिकित्सकों के दल के जिलाधिकारी से मिल आरोपियों की गिरफ़्तारी और सुरक्षा देने की मांग के बाद हरकत में आई पुलिस ने घटना के चार दिन बाद अज्ञात हमलावरों में से दो को गिरफ्तार कर जहाँ अपनी पीठ स्वयं थपथपाने का काम किया है वही घटना के मुख्य और नामजद अभियुक्तों को अभयदान दे उन्हें अपने संरक्षण की भी पोल खोल दी है।
ज्ञात हो की विगे 5 फरवरी को जिला चिकित्सालय में तैनात डाक्टर अखिलेश त्रिपाठी को कुछ हमलवारों ने पीट पीट कर अधमरा कर दिया था जिसमें दो नामजद तथा कुछ अज्ञात के विरुद्ध कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
घटना पर आक्रोषित डाक्टरों ने पुलीसिया निष्क्रियता से आक्रोषित होते हुए ज़ब बुधवार को जिलाधिकारी से मिल अपनी मांग रखी तो जिला पुलिस ने औपचारिकता निभाते हुए अज्ञात हमलावरों में से दो को गिरफ्तार कर अपनी सक्रियता दिखाने की नाकाम कोशिश की। हालांकि पुलिस का नामजद अभियुक्त आशुतोष मिश्र और अभय सिंह को गिरफ्तार न करना उसके कार्यशैली पर निशान भी लगाता है।
पुलिस ने गुरुवार को जानकारी दी की उसने चिकित्सक पर हुए हमले में पवन कुमार तिवारी और श्याम जी उर्फ़ विशाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सवाल ये उठता है की हमले के मुख्य अभियुक्त आशुतोष और अभय अभी तक उसके पहुँच से बाहर क्यों है, कहीं सत्ता के दबाव में पुलिस उन्हें संरक्षण दे उनका बचाव कर अन्य को गिरफ्तार कर मामले को शांत तो नहीं करना चाहती है।