गोंडा। बच्चों में रोजगार विकसित करने की दिशा में डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स की जगह रिवर्सिबल लॉजिक टेक्निक एवं नवाचार कारगर सिद्ध होगी। यह बात लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज, गोंडा के भौतिकी विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए प्रोफेसर राजकुमार तिवारी ने कही।
डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से पधारे प्रो तिवारी ने अपने शोध पर चर्चा करते हुए कहा कि इस तकनीक से कृषि, चिकित्सा समेत समाज के अन्य क्षेत्रों में भी पावर लास को कम किया जा सकेगा। कहा कि रिजेक्ट हो चुके दो पहिया चार पहिया वाहनों में थोड़ा सा परिवर्तन करके उनके इंजनों का क्रांतिकारी व अति लाभकारी उपयोग किया जा सकेगा।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए समिति के उपाध्यक्ष देवी वर्षा सिंह ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को मोटिवेट करते हुए कहा कि कोई भी कार्य जब लगन व पूर्ण निष्ठा से किया जाता है तो उसके परिणाम सार्थक निकलते हैं। यह भी कहा कि आप सभी में संभावनाओं का समुद्र हिलोरें ले रहा है। हो सकता है कल को कोई कलाम आपके बीच से भी निकले।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने कहा कि मुझे देखकर बहुत खुशी होती है कि इस महाविद्यालय का भौतिकी विभाग प्रो.जीतेंद्र सिंह के नेतृत्व में जो भी कार्यक्रम आयोजित करता है वह अद्वितीय होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व शिक्षण कार्यकलापों के उन्नयन में उनका जो भी योगदान अपेक्षित होगा, उसमें कभी पीछे नहीं रहेंगे।
प्राचार्य प्रो रवींद्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि भौतिकी के छात्र छात्राओं के शोध के चलते ही आज का जनजीवन काफी शुलभ हुआ है, खासतौर से चिकित्सा के क्षेत्र में भौतिकी के योगदान से व्याधियों का सटीक उपचार संभव हो सका है।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी का परिचय कराया। दो दिवसीय सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि परास्नातक के कुल 55 छात्र-छात्राएं अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
भौतिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रतिभागियों के करियर के लिए यह सेमिनार अत्यंत उपयोगी साबित होगा। डॉ देव नारायण पांडे, डॉ अवनीश मिश्र, डॉ शोभित मौर्या,डॉ अनुराधा गुप्ता ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए प्रतीक चिन्ह प्रदान किए।
इस मौके पर पूर्व मुख्य नियंता डॉ.ओंकार पाठक, डॉ श्रीनिवासा राव, डॉ शैलेंद्र मिश्रा, ड बी पी सिंह, डॉ संजय पांडे, डॉ.पुष्यमित्र मिश्र, डॉ मनीष शर्मा ,डॉ मनोज कुमार मिश्रा, डॉ जयशंकर तिवारी, डॉ शिशिर त्रिपाठी, डॉ रंजन शर्मा , डॉ पूजा यादव, डॉ राजीव अग्रवाल,डॉ पल्लवी सिंह ,डॉ अवधेश वर्मा,डॉ. वंदना भारतीय डॉ. ममता शुक्ला डॉ अरुण प्रताप सिंह डॉ शैलजा ,डॉ स्मृति शिशिर डॉ विवेक प्रताप सिंह, डॉ लोहांश कल्याणी, डॉ स्मिता सिंह, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ अच्युत शुक्ल,दिलीप शुक्ला, शरदपाठक बबलू, रामबचन, सुखदेव,आशीष आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मारिया नसीम व वैष्णवी शुक्ल ने किया। सरस्वती वंदना व स्वागत गीत सृष्टि व रोशनी ने प्रस्तुत किया।मिशन मंगल पर महिमा पाठक व हर्षा गुप्ता द्वारा बनाई गई भव्य रंगोली की सराहना अतिथियों द्वारा की गई ।उद्घाटन सत्र में गुफरानुल हक, श्रद्धा श्रीवास्तव, सृष्टि मिश्रा,अवनीश शुक्ला, अलंकृता पांडे,अमरेंद्र मिश्रा, विकास, मेला राम की प्रस्तुति सराहनीय रही।सेमिनार में बचे हुए छात्र व छात्राओं के शोध पत्र कल समापन सत्र में प्रस्तुत किए जाएँगे।
You must be logged in to post a comment.