पहले भी जेल अधीक्षकों सहित कई पुलिसकार्मियों पर चल चुका हैं कानून का हंटर
रिश्वत लेकर गुर्गे को थाने से कर दिया था रिहा
बरेली। अभी तीन जिलों के जेल अधीक्षकों के निलंबन की सुगबुगाहट थमी भी नहीं थी की मुख्यमंत्री योगी की कड़ाई ने चार पुलिस कर्मियों पर फिर कानून का हंटर चला दिया हैं, 25 हज़ार की रिश्वत लेकर अतीक के एक गुर्गे को थाने से रिहा कर देने के आरोपियों एक दरोगा सहित चार पुलिसकार्मियों को निलंबित कर दिया गया हैं।
ज्ञात हो की राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह और राजू के रिश्तेदार उमेश पाल की दिन दहाड़े हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी की माफियाओं को मिटाने की दहाड़ के बाद तेजी से हरकय में आई प्रदेश की पुलिस जहाँ ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटी हुई हैं वहीं दूसरी ओर कुछ भ्रस्ट पुलिसकर्मी अभी भी अतीक और उसके गुर्गो से अपनी यारी निभाने में व्यस्त हैं, अपनी इसी यारी के चलते घटना के कुछ दिनों बाढ़ बरेली के इज्जतनगर थाने की पुलिस ने अतीक के एक प्रमुख गुर्गे फरहद को पकड़ा था लेकिन यारी निभाते हुए उसे मात्र 25000 की रिश्वत पर थाने से ही रिहा कर दिया गया। खास बात तो ये थी की इन पुलिसकार्मियों ने फरहद को इस बात का अभयदान भी दिया की तुम्हे अब कोई भी नहीं पकड़ेगा।
मामले का खुलासा तो तब हुआ ज़ब पिछले दिनों पाल हत्याकांड में प्रमुख भूमिका निभा रही एस ओ जी ने पिछले दिनों फरहद को अपनी गिरफ्त में लिया तब फरहद ने उन पुलिसकार्मियों की पोल खोलते हुए बताया की किस तरह उससे 25 हज़ार की रिश्वत लेकर छोड़ने के साठ अभयदान भी दिया गया था।
मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचने पर की गई जाँच में थाने के दरोगा सचिन शर्मा, सिपाही अंकित, शुभम और अनिल को दोषी पाया गया जिसमें एस एस पी प्रभाकर चौधरी ने चारों को निलंबित करते हुए विभागीय जाँच भी बिठा दी हैं।