गोंडा। समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं और फिर समुद्र में ही समा जाती हैं, समुद्र से अलग लहरों का अस्तित्व नहीं है, इसी तरह परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं है-ये बातें रविशंकर महाराज गुरूभाई ने कथा में सुनाई।
चल रहें सवालाख पार्थिव पूजन एवं श्री शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस में श्री गणपति जन्मोत्सव बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया,,इस मौके पर उपस्थित सभी भक्तजन भजनों की भाव गंगा में झूम उठे, महाराज ने व्यास पीठ से श्री गणपति जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए बताया की देवी पार्वती ने अपने उबटन से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डाल दिए। उन्होंने इस प्राणी को द्वारपाल बना कर बैठा दिया और किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश देते हुए स्नान करने चली गईं। संयोग से इसी दौरान भगवान शिव वहां आए। उन्होंने अंदर जाना चाहा, लेकिन बालक गणेश ने रोक दिया। नाराज शिवजी ने बालक गणेश को समझाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
क्रोधित शिवजी ने त्रिशूल से गणेश का सिर काट दिया। पार्वती को जब पता चला कि शिव ने गणेश का सिर काट दिया है, तो वे कुपित हुईं। पार्वती की नाराजगी दूर करने के लिए शिवजी ने गणेश के धड़ पर हाथी का मस्तक लगा कर जीवनदान दे दिया। तभी से शिवजी ने उन्हें तमाम सामर्थ्य और शक्तियां प्रदान करते हुए प्रथम पूज्य और गणों का देव बनाया.। भगवान गणेश की झांकी भी दिखाई कर श्रीगणेश महोत्सव मनाया गया।
भगवान श्री गणेश की मुख्य यजमान आरती सोनी – संतोष सोनी के साथ साथ सभी भक्तों ने आरती की। उसके बाद नुगती का प्रसाद वितरण हुआ। इस दौरान संदीप मल्होत्रा, रवि सोनी, शिव शंकर सोनी, विशाल बंसल, आशीष मिश्रा, नारायण भावसिंह,पप्पू प्रजापति, दीपेंद्र मिश्रा, रामशंकर कसौधन, अंबिका कसौधन, भाजपा महिला मोर्चा की क्षेत्रीय अध्यक्ष वंदना गुप्ता, ममता सोनी, रंजना सोनी, माया देवी, कनक लता देवी सहित भारी संख्या में भक्त मौजूद रही।
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