महाराष्ट्र का निवासी है घायल अनिल श्रवण
गोंडा। संबद्ध जिला चिकित्सालय में बीते 16 अगस्त को एक 55 वर्षीय बुजुर्ग लावारिस हालत में संबद्ध जिला चिकित्सालय में गेट के बाहर पड़ा हुआ कराह रहा था। इसके कंधे के पास एक घाव था जिसमे कीड़े बजबजा रहे थे।वह हर आने जाने वालों से मदद की गुहार लगा रहा था लेकिन चिकित्सालय के गेट पर आती जाती भीड़ में किसी का भी दिल नही पसीजा और वह दर्द से कराहता वहीं पड़ा रहा। सुबह कुछ देर के बाद जब चिकित्सालय के अन्य कर्मचारियों के साथ ही चिकित्सालय मैनेजर अनिल वर्मा वहां पहुंचे तो घायल को देख कर वह रुक गए और इसका नाम पूछने लगे लेकिन वह कुछ बोल ना सका। मैनेजर अनिल वर्मा की निगाह जब उसके जख्मों पर पड़ी तो वे सिहर उठे। उसके जख्मों में कीड़े पड़ चुके थे जो बाहर से ही नजर आ रहे थे। उसे लेकर वे आपातकालीन कक्ष पहुंचे और उसे भर्ती करने के लिए जब बीएचटी पर परिजन का नाम भरा जाने लगा तो उन्होंने खुद अपना नाम वहां दर्ज कराया और उसे वार्ड में शिफ्ट करा दिया।
लंबे इलाज के बाद जब उसके जख्म पूरी तरह ठीक हो गए तो उसके परिजन उसे लेने सोमवार 30 अक्तूबर को संबद्ध जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां अस्पताल प्रशासन ने उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया। घायल जब परिजनों से मिला तो उसकी प्रसन्नता का हाल यह था की वह रोने लगा। घायल बुजुर्ग का नाम अनिल श्रवण है, जोकि मूल रूप से महाराष्ट्र के सौराष्ट्र का रहने वाला है। इस मौके पर परिजन चिकित्सालय प्रशासन के सुप्रीटेंडेंट, डॉक्टर एम डब्लू खान,प्रबंधक डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा, मैनेजर अनिल वर्मा का धन्यवाद देते हुए भावुक हो उठे। चिकित्सालय प्रशासन के द्वारा किए गए इस नेक कार्य के लिए परिजन तारीफ करते नही थक रहे।
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