शिकायत पर सीओ को मिली जांच, फँसते देख एक पक्ष की लौटाई रकम
गोण्डा। अंडरवर्ल्ड सहित अपराध जगत में एक कहावत प्रसिद्ध हाँ की ‘काम बेईमानी का लेकिन पूरी ईमानदारी से’, लेकिन उत्तरप्रदेश पुलिस ने भ्रस्टाचार के मामले में अंडरवर्ल्ड को भी पीछे छोड़ते हुए एक पक्ष नहीं प्रकरण के दोनों पक्षो से उनका काम कराने की बात कह एक मोटी रकम वसूल ली लेकिन एक पक्ष से मनचाही राशि न मिलने से बौखलाये विवेचक ने दुसरे पक्ष को अपनी विवेचना में अनुचित लाभ प्रदान कर दिया। हालांकि मामले की शिकायत उच्चाधिकारीयों से होने पर प्रकरण की जांच सीओ को मिलने पर अपने को फँसता देख विवेचक ने एक पक्ष को उसकी राशि लौटा दी।
मामला जिले के थाना खरगुपुर में तैनात उपनिरीक्षक दिवाकर मिश्र से जुडा है। सोशल मीडिया पर की गई शिकायत के अनुसार श्री मिश्र ने विवेचना के नाम पर एक पक्ष से 40000₹ की मांग की लेकिन उन्हें मात्र 10000₹ ही मिले जिससे क्रोधित श्री मिश्र ने दुसरे पक्ष से भी हाथ मिलाते हुए मोटी रकम की वसूली करते हुए प्रथम पक्ष के विरुद्ध रिपोर्ट लगा दी। पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत पर प्रकरण की जाँच क्षेत्राधिकारी सदर को सौंपे जाने की जानकारी मिलने और अपने को फँसता देख श्री मिश्र ने प्रथम पक्ष से वसूली रकम आनन फानन में उसे लौटा दी।
हालांकि जब इस विषय पर उपनिरीक्षक दिवाकर मिश्र से बात की गई तो उन्होंने जैसा की आम तौर पर होता है सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए अपने को पूरी तरह पाक साफ बताया। अब देखना तो यह हाँ की सीओ को मिली जांच में भी श्री मिश्र पाक साफ निकलते हैं या फिर पुलिस विभाग पर लगे दाग़ धब्बो में एक और दाग़ की वृद्धि करते हैं।