टीएमयू कुलाधिपति अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम को समर्पित करेंगे स्मारिका
लोकार्पण समारोह में रचनाकारों ने प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व पर रखे विचार
मुरादाबाद। अयोध्याधाम में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पल ज्यों-ज्यों समीप आ रहे हैं। समूचे देश में राम भक्ति की बयार पूरे उत्साह के साथ हर ओर बहने लगी है। इसी क्रम में तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय ने प्रभु श्रीराम के प्रति शब्द रूप में अपनी उपासना को सबके राम स्मारिका के माध्यम से समर्पित किया है।
उल्लेखनीय है कि तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुरेश जैन आगामी 22 जनवरी को अयोध्याधाम में श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा के गौरवमयी पलों के साक्षी बनेंगे। इसको लेकर विश्वविद्यालय के साथ ही शहर भर में अति उत्साह है। श्रीराम पर आधारित सबके राम स्मारिका में वरिष्ठ रचनाकारों के साथ ही टीएमयू के शिक्षकों व प्राचार्यों के प्रभु श्रीराम पर आधारित लेख प्रकाशित किए गए हैं। शुक्रवार को टीएमयू में समारोह के बीच स्मारिका का लोकार्पण किया गया।
टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन ने कहा कि निश्चित तौर पर यह सभी कार्य श्रीराम की कृपा से ही संभव हो रहे हैं। अयोध्याधाम में मुरादाबाद के रचनाकारों की शब्दोपासना सबके राम स्मारिका के रूप में प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित की जाएगी। बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष, डॉ विशेष गुप्ता ने विश्वविद्यालय के पुनीत प्रयास की सराहना की। प्रो हरबंश दीक्षित ने स्मारिका को संग्रहणीय बताया। योगेंद्र वर्मा व्योम ने विश्वविद्यालय की साहित्य संवर्द्धन के प्रति सोच की सराहना की। एसपी जैन ने स्मारिका के माध्यम से उपासना के स्वरूप की प्रशंसा की। इतिहासविद् डॉ अजय अनुपम ने कुलाधिपति सुरेश जैन को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने स्मारिका को ऐतिहासिक बताया। प्रशासनिक अधिकारी गोपी कृष्ण ने कहा कि कुलाधिपति के पुनीत पलों का साक्षी होने पर समूचे मुरादाबाद के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने की बात कही। वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ प्रदीप शर्मा ने मुरादाबाद शैली की रामलीला के माध्यम से श्रीराम के प्रति मुरादाबाद के समर्पण को बयां किया।
इस अवसर पर टीएमयू के जीवीसी, मनीष जैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, अक्षत जैन, कुलपति, प्रो रघुवीर सिंह, डीन एकेडमिक्स, प्रो मंजुला जैन, प्रो आरके द्विवेदी, डॉ संदीप वर्मा, नवल वार्ष्णेय, डॉ अजय उपाध्याय, प्रशासनिक अधिकारी, अरविंद वर्मा आदि समेत बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य व वरिष्ठ रचनाकार शामिल रहे। कार्यक्रम का संयोजन निदेशक, छात्र कल्याण, प्रो एमपी सिंह ने व संचालन डॉ माधव शर्मा ने किया।