उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

मुख्यमंत्री का दौरा, क्या निकलेगा मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय की समस्याओं का हल

मेडिकल कालेज फैकल्टी भर्ती है अधूरी

40 कोविड कर्मचारियो की सेवा हुई समाप्त, पुनः तैनाती को लेकर भटक रहे कर्मचारी

जिला चिकित्सालय का सीटी स्कैन सेवा दो वर्षो से है बंद

सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सप्लाई की दो यूनिट वर्षों से है ठप्प

गोंडा। सोमवार 05/7/24 को प्रस्तावित गोंडा आगमन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा क्या मेडिकल कालेज और जिला चिकित्सालय को संजीवनी प्रदान कर पाएगा ? इसकी संभावनाओ को लेकर स्वास्थ्य विभाग में मंथन जारी है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में दोपहर करीब 01:25 बजे मुख्यमंत्री निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निरीक्षण करेंगे। इसी दौरान वे मेडिकल कालेज के संचालन में आ रही संबंधित समस्याओं और रुकावटों को लेकर प्रधानाचार्य से वार्ता भी करेंगे। मात्र दस मिनट के इस कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऑल इज वेल की कसरतों में जूझे नजर आ रहे है। लेकिन जिले वासियों को पूर्व में मिलती रही स्वास्थ सुविधाओं को लेकर, स्वास्थ्य विभाग में तैनात रहे कर्मचारियों के समस्याओं को लेकर सजगता का अभाव नजर आ रहा है। विभाग मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सिर्फ इस बात पर अधिक मंथन करने में लगा हुआ है कि कही कोई कमी मुख्यमंत्री को नजर न आ जाए।

गंभीर समस्याओं से घिरा हुआ है विभाग

जिले में मेडिकल कालेज के संचालन को लेकर सबसे बड़ी जो बाधा बनी हुई है वह है विभाग में खाली पड़ी रिक्तियां। इस संबंध में मेडिकल कालेज के द्वारा 05 बार विज्ञापन जारी कर 51 आचार्य ,सह आचार्य, सहायक आचार्य के पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई । इस कारण मेडिकल कालेज की मान्यता भी रद्द हो गई। पुनः इन रिक्तियों को भरने और शासन से मेडिकल कालेज की मान्यता को बहाल करने के लिए आवश्यक कार्यवाही प्रधानाचार्य के द्वारा की गई है। इस संबंध में अब फैसला शासन को करना है।

कोविड के दौरान सीएमओ स्तर से भर्ती किए गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। विगत चार वर्षों से तैनात 40 कर्मचारियों की तैनाती को लेकर पिछले दो वर्षों से विभाग उहापोह की स्थिति में है। बीते 31 जुलाई को एक बार फिर से एक वर्ष की निविदा इन कर्मचारियों को समाप्त हो गई है। कोविड अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर दीपक कुमार के अनुसार इन कर्मचारियों को लेकर मेडिकल कालेज प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग की मुखिया सीएमओ से कई स्तर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन फिलहाल अभी तक कोई उपयोगी निर्णय इन कर्मचारियों की तैनाती को लेकर दोनो विभागो के प्रशासन के द्वारा नही लिया गया है। ये कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का दंश झेल रहे है।

जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित क्षेत्रीय निदान केंद्र में स्थापित सीटी स्कैन सेंटर पिछले दो वर्षों से जिले वासियों को अपनी सेवाए नही दे पा रहा है। विगत दो वर्षो से खराब पड़ी सीटी स्कैन मशीन को दुरुस्त करने को लेकर सायरस इंटरप्राइजेज नामक मेंटीनेंस फर्म ने अपने हाथ खड़े कर लिए है। इसकी जानकारी पिछले दो वर्षों से विभाग के सीएमएस, मेडिकल कालेज प्रधानाचार्य को होने के उपरांत भी इस गंभीर समस्या की तरफ से विभाग आंख मूंदे रहा है। इस सेवा के ठप्प होने से जहां प्राइवेट जांच केंद्रों की पौ बारह है वही जिले की जनता मजबूरी में मंहगे दामों पर जांच करवा कर अपनी जेब कटवाने को विवश है। इस सेवा के बंद होने से गरीब मरीजों और पुलिस मेडिकल रिपोर्ट बनवाने के लिए लोग एक जिले से दूसरे जिले का चक्कर काटने को विवश है।

जिला चिकित्सालय में मरीजों को बेड पर ही ऑक्सीजन आपूर्ति किए जाने को लेकर स्थापित किए गए सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन प्लांट के तीन यूनिट में से मात्र एक यूनिट ही क्रियाशील है। दो ऑक्सीजन आपूर्ति प्लांट दो वर्षो से खराब पडा है। जिसका प्रभाव जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन यह भी सच्चाई है की वार्डों में रखे कोविड काल के ये उपकरण रखरखाव के अभाव में अचानक काम करना बंद कर दे रहे है। ऐसी स्थिति में मरीज की जान पर बन आती है।

क्या जिला स्वास्थ्य विभाग मौजूद इन गंभीर समस्याओं से स्वयं मुख्यमंत्री को अवगत कराएगा इसकी संभावना कम ही है।
इस संबंध में मेडिकल कालेज प्रधानाचार्य डॉक्टर धनंजय श्री कांत कोटास्थाने का कहना है कि मेडिकल कालेज की मान्यता को लेकर शासन स्तर पर फाइल भेज दी गई है। जिसका एप्रूवल शासन को करना है। कोविड कर्मचारियों को लेकर मेरे द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है। इन कर्मचारियों को परेशान होने की जरूरत नही है। इनका समायोजन शीघ्र किया जायेगा। सीटी स्कैन मशीन को लेकर शासन से 85 लाख का बजट प्राप्त हो गया है। इसके टेंडरिंग की प्रक्रिया जारी है। शीघ्र ही मशीन उपलब्ध होगी। दो यूनिट ऑक्सीजन प्लांट में मामूली खराबी आई है। उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है ।यह समस्या प्राथमिक स्तर पर उनके द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है। जल्द ही व्यवस्थाएं।दुरुस्त होंगी।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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