सामूहिक पलायन कर सकता है वैश्य समाज, लगाए अपने घर के सामने संपत्ति बेचने के पोस्टर
अलीगढ। जिस जनता के वोट से संवैधानिक पदों पर बैठकर जनप्रतिनिधि मलाई काटते है उसी के शोषण के तो अनेक मामले समय समय पर सामने आते रहते हैं लेकिन ये शोषण इस स्तर पर हो जाये की जनता को सामूहिक रूप से पलायन को विवश हो जाना पड़े ऐसा बहुत कम ही देखने को आया होगा, और ऐसा ही मामला जिले में सामने आया है जिसमे दबंग प्रधान ने वैश्य समाज की दशकों पुराने धर्मशाला को अवैध तरीके से पहले तो अपने नाम करा लिया फिर विरोध होता देख पूरे समाज को क्षेत्र में न रहने की धमकी दे रहा है, हालांकि पुलिस ने मामले में दखल देते हुए वैश्य समाज को कार्यवाही की सांत्वना दी है, अब देखना तो ये है की योगी राज में ऐसे दबंग पर प्रशासन किस तरह की कार्यवाही करता है।
लोकतंत्र के इस चरण में आश्चर्यजनक ये घटना जिले के दांदो कस्बे का है जहाँ के वैश्य समाज के व्यापारियों ने अपने अपने घर के सामने “मकान बिकाऊ है” के पोस्टर लगा दिए हैं। ऐसे पोस्टरों क्यों लगाए गए इसकी जानकारी की गईं तो जो प्रकरण सामने आया उसने बहुत कुछ सोचने को विवश कर दिया।
पता चला की क्षेत्र के दबंग प्रधान राजकुमार यादव ने वैश्य समाज के पूर्वजों द्वारा वर्ष 1045 में निर्मित धर्मशाला को अवैध तरीके से किसी जवाहरलाल नाम के व्यक्ति से अपने नाम करा लिया। अपने पूर्वजों के धर्मशाला की प्रधान द्वारा गलत तरीके से बैनामा कराये जाने की सूचना पर ज़ब क्षेत्र के वैशाली समाज ने विरोध किया तो प्रधान राजकुमार यादव ने दबंगई दिखाते हुए सम्पूर्ण वैष्यों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें कस्बे से भगा देने की धमकी दी।
हैरानी की बात ती ये है की ज़ब लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो उन्हें वहां से भी कोई सहयोग नहीं मिला, इतना ही नहीं शिकायत से बौखलाये प्रधान ने लोगों के आवागमन के रास्ते को भी रोक दिया। प्रधान की बढ़ती दबंगई और पुलिस की निष्क्रियता से निराश वैश्य समाज ने कस्बे से सामूहिक पलायन का निर्णय लेते हुए अपने अपने घरों के सामने मकान बिकाऊ है का पोस्टर लगा दिया।
प्रशासन को जैसे ही लोगों के सामूहिक पलायन किये जाने की बात पता चली उनके हाथ पाँव फूल गए, आनन फानन में क्षेत्र के सी ओ फ़ोर्स के साथ वहाँ पहुंचे और लोगों से बात करते हुए पूरे मामले की जाँच और उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन देते हुए उन्हें पलायन न करने के लिए राजी किया।
अब देखना ये है की पुलिस दबंग प्रधान पर कितनी कड़ी कार्यवाही करती है और कितनी जल्दी जिससे पीड़ित वैश्य समाज को न्याय मिले और वे निडर होकर समाज और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।