एक सप्ताह में जाँच रिपोर्ट मांगी गईं, समय पर चिकित्सा न मिलने से हुई थी बच्चे की मृत्यु
गोण्डा। नवजात की गंभीर स्थिति को देखते हुए सी एच सी से ज़िला महिला चिकित्सालय रेफर किये गए बच्चे को यहाँ पैसों के खेल के चलते समय से उचित चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो पाई, नतीजा बच्चे को मौत ने अपने आगोश में ले लिया, घटना पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जाँच टीम का गठन कर एक सप्ताह में रिपोर्ट सौपने का आदेश दे दिया है।

घटना विगत 23 अक्टूबर की है ज़ब सी एच सी मनकापुर में जन्मे बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे ज़िला महिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। मनकापुर के ग्राम झलिया रानी निवासी विनोद कुमार भारती पुत्र सीताराम ने बताया की उनकी भाभी की नवजात को ज़िला महिला चिकित्सालय लाने पर वहां मौजूद मुख्य नर्स सुनीता द्विवेदी से ज़ब बच्चे को भर्ती करने को कहा गया तो उन्होंने ये कहते हुए भर्ती करने से स्पष्ट मना कर दिया की पहले पांच हज़ार रुपये से हमारी जेब गर्म करो तब ही भर्ती के बारे में बात करो।

नवजात की गंभीर स्थिति से आहत और घबराये हुए विनोद ने डा रामलखन से अनुरोध किया जिसपर उन्होंने स्टॉफ नर्स सुनीता को बच्ची को भर्ती करने को कहा लेकिन सुनीता अपने मांग पर अड़ी रही, यही नहीं विनोद ने अपने परिचित समाजवादी नेता लालचंद गौतम के माध्यम से सी एम एस से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध कराया लेकिन सी एम एस के आदेश के बाद भी नर्स ने बच्चे को एडमिट नहीं किया।
विनोद कुमार भारती का आरोप है की नर्स की मांग पूरी न होने और समय से भर्ती न होने के कारण शाम लगभग साढ़े सात बजे उनका नवजात भतीजा मौत के आगोश में खो गया, विनोद ने पूरे मामले की लिखित शिकायत जिलाधिकारी से करते हुए मामले की जाँच करा दोषियों को उचित दंड दिए जाने की मांग की है।

वहीं प्रकरण पर ज़ब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा देवेंद्र सिंह से इस बावत बात की गईं तो उन्होंने बताया की बच्चे की स्थिति गंभीर थी उसको प्राथमिक उपचार देकर उच्च संस्थान में रेफर किया जा रहा था लेकिन परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे, ज़ब उनसे ये पूछा गया की बच्चे की मौत में किसी स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही या और कोई कारण तो नहीं था जिसपर उन्होने बताया की मामले की जाँच के लिए टीम गठित कर दी गईं है, रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्यवाई की जाएगी।

 
									 
						 
							 
							 
							 
							 
							 
							

