स्थगनादेश के बाद भी ठाकुरद्वारा की भूमि में पिलर लगवाने का
गोण्डा। पूरे उत्तरप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की मनमानी और बड़बोलापन किसी से छुपा नहीं है लेकिन ये न्यायालय के आदेशों को भी मानने से इंकार करेंगे ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा, यही नहीं अब तो ये इतने मनबढ़ हो चुके हैं की न्यायालय के आदेश को अपने बैग में सड़ रहा बताने में भी नहीं हिचकते।

कुछ ऐसी ही कहानी जिलाधिकारी को भेजें गए उस शिकायती पत्र से सामने आई है जिसमे बताया गया है की ग्राम पूरेखेमकरण स्थित ठाकुरद्वारा की भूमि का न्यायालय से स्थग्नादेश है लेकिन क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक निरंकार प्रसाद दबंगई दिखाते हुए उस भूमि का पैमाइश और पिलर लगवाने का काम कर रहा है।
जिलाधिकारी को प्रेषित शिकायती पत्र में अधिवक्ता सुरेंद्र अवस्थी ने बताया है की उनके पिता परशुराम अवस्थी ठाकुरद्वारा के व्यस्थापक और संरक्षक का दायित्व निभा रहे हैं, ठाकुरद्वारा की भूमि के कुछ विवाद के चलते भूमि को न्यायालय का स्थगनादेश मिला हुआ है लेकिन राजस्व निरीक्षक निरंकार प्रसाद अपनी दबंगई दिखाते हुए भूमि पर जबरन पैमाइश तथा पिलर लगवा रहे हैं। खास बात तो ये है की ज़ब राजस्व निरीक्षक को न्यायालय का आदेश दिखाते हुए अवैध कार्य करने से रोका गया तो उन्होंने कहा की ऐसे सैकड़ो आदेश हमारे बैग में पड़े सड़ते रहते हैं।

अधिवक्ता ने जिलाधिकारी से प्रकरण पर हस्तक्षेप करते हुए न्यायालय के आदेश की अवमानना और न्यायालय पर अनुचित टिप्पणी करने वाले राजस्व निरीक्षक के विरुद्ध कठोर कार्यवाई किये जाने की मांग की है।

मामले पर ज़ब राजस्व निरीक्षक का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
