अपराध उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल

ग्राम प्रधानों सहित पंचायत सचिवों पर लटकी कार्यवाही की तलवार, गौ आश्रय केन्द्रों का मामला

कांजी हाउस चालू न होने पर मण्डलायुक्त ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत का रोका वेतन, स्पष्टीकरण तलब
 
मण्डल की हर ग्राम पंचायत व नगर निकायों मे पशुओं के पेजयल की व्यवस्था  23 मई तक हर हाल में कराने के निर्देश
 
गौ आश्रय केन्द्रों का बजट दबाए बैठे पंचायत सचिव होगें निलम्बित, ग्राम प्रधानों के खिलाफ भी होगी कार्यवाही-आयुक्त
देवीपाटन मंडल (गोंडा) ! आयुक्त के निर्देश के बावजूद जनपद गोण्डा में एक भी कांजी हाउस का संचालन शुरू न किए जाने पर अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गोण्डा सत्यपाल का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया गया है वहीं जनपद बलरामपुर में गौ आश्रय केन्द्र के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अब तक एक भी खाता न खोले जाने पर डीपीआरओ बलरामपुर को कड़ी फटकार लगाई गई है। यह कार्यवाही देवीपाटन मण्डल के आयुक्त महेन्द्र कुमार ने गौ आश्रय केन्द्रों के निर्माण की प्रगति की मण्डलीय समीक्षा के दौरान की है।
बताते चलें कि एक सप्ताह पूर्व ही आयुक्त ने बैठक कर जिम्मेदार अधिकारियों को गौ आश्रय केन्द्रों के निर्माण व पशुओं कोे युद्धस्तर पर
संरक्षित किए जाने के निर्देश दिए थे, परन्तु समुचित प्रगति व व्यवस्था न कर पाने वाले अधिकारी अब आयुक्त के राडार पर आ गए हैं। मण्डल के जनपद बहराइच में 18 के सापेक्ष 18, बलरामपुर में 18 के सापेक्ष 15, श्रावस्ती में 5 के सापेक्ष 03 कांजी हाउस क्रियाशील हो चुके हैं परन्तु गोण्डा में 04 के सापेक्ष अब तक एक भी कांजी हाउस क्रियाशील नहीं किए जा सके। नाराज मण्डलायुक्त ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गोण्डा का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया है। वहीं गौ आश्रय केन्द्र के निर्माण के लिए जिन ग्राम पंचायतों को धन आंवटित किया जा चुका है परन्तु पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान की लापरवाही से अब तक खाते ही नहीं खुल सके हैं, ऐसे सभी पंचायत सचिवों को निलम्बित करने तथा ग्राम प्रधानों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के निर्देश डीपीआरओ को दिए हैं। आयुक्त ने कहा कि देवीपाटन मण्डल में गौ आश्रय केन्द्रों के निर्माण व आवारा पशुओं को पकड़कर गौ संरक्षण केन्द्रों में संरक्षित करने की प्रगति संतोषजनक नहीं है। समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि मण्डल के जनपद गोण्डा में 32 गौ आश्रय केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में तथा 01 शहरी क्षेत्र में हैं जिनमें ग्रामीण क्षेेत्र गौ आश्रय केन्द्रों में 1601 तथा शहर में मात्र 20 पशु ही संरक्षित किए जा सके हैं। इसी प्रकार बलरामपुर में 51 गौ आश्रय केन्द्र ग्रामीण अंचल में तथा 05 केन्द्र शहरी क्षेत्र में स्थापित किए जाने थे जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के 51 केन्द्रों में 824 पशु संरक्षित किए गए जबकि शहरी क्षेत्र में 5 में से 4 केन्द्र अभी निर्माणाधीन ही हैं। बहराइच में ग्रामीण क्षेत्र में 32 तथा शहरी क्षेत्र में 2 गौ आश्रय केन्द्र  के सापेक्ष ग्रामीण क्षेत्र में 4293 तथा शहरी क्षेत्र में 187 पशु पकड़कर संरक्षित किए गए। इसी प्रकार जनपद श्रावस्ती में 17 गौ आश्रय केन्द्र में 1350 व शहरी क्षेत्र के 3 केन्द्रों में 120 आवारा पशुओं को संरक्षित किया गया।
 इसके अलावा प्रचण्ड गर्मी को देखते हुए आयुक्त ने मण्डल के चारों जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मण्डल की सभी ग्राम पंचायतों तथा शहरी क्षेत्र में आवश्यकतानुसार जलस्रोतों में आगामी 23 मई तक हर हाल में पानी भरवाकर ग्राम पंचायतवार व नगर निकायवार रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। आयुक्त ने कहा कि गर्मी के कारण पशुओं के लिए पेयजल की दिक्कत शुरू हो गई है। पशुओं का जीवन संकटमय न हो इसलिए ऐसे ग्राम जहां पर एक से अधिक जलस्रोत हो सकते हैं वहां पर एक से अधिक जलश्रोतों को ट्यूबबेल य अन्य माध्यमों से भरवाकर पश्ुाओं के लिए पेयजल की व्यवस्था ग्राम प्रधानों के माध्यम से कराई जाय। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को भी जलाशय एवं जलश्रोतों को जल से भरवाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों में हैण्डपम्पों को तत्काल दुरूस्त कराने के निर्देश डीपीआरओ को दिए हैं।
बैठक में अपर निदेशक पशुपालन देवीपाटन मण्डल डा0 सादिक अली, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बलरामपुर डा0 यादवेन्द्र प्रताप, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्रावस्ती डा0 विजय कुमार मलिक, डा0 शिव कुमार रावत, डीपीआरओ गोण्डा घनश्याम सागर, डीपीआरओ बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती, व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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