गोण्डा। ट्ेन में संदिग्ध रूप से मिले पांच बच्चों को आरपीएफ ने अपने कब्जें में ले उन्हें बाल श्रम से मुक्ति दिला एक सराहनीय कार्य किया हैं।
आरपीएफ गोण्डा प्रभारी प्रवीण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्चाधिकारियों से प्राप्त दिशा निर्देश के तहत जारी रूटीन चेक के दौरान एक ट्ेन में पाचं बच्चें संदिग्ध रूप् से दिखाई दिये जिनसे जानकारी करने पर पता चला ि कवे विभिन्न स्थानों पर मजदूरी का कार्य करते है जिन्हें तत्काल अपने कब्जे में लेते हुए चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया।
उन्होंनें बताया कि हमेशा की भातिं उनके साथ आरपीएफ के उपनिरीक्षक राणा प्रताप सिंह, प्रशिक्षू उपनिरीक्षक धनवंत यादव, सुमन यादव, कांस्टेबल ओम प्रकाश यादव, हेड कांस्टेबल जे पी यादव द्वारा वीडियो कैमरा एवं हेलर के माध्यम से यात्रियों को जागरूक किया जा रहा था इसी दौरान टै्ेन संख्या 55050 डालीगंज नकहा पैसेन्जर जो की प्लेट फार्म संख्या दो पर आयी थी जिसके कोच संख्या जी एस 97494 एन ई में पाचं बच्चे संदिग्ध रूप से दिखाई दिये, जिनसे पूछतांक्ष करने पर उन्होनें बताया ि कवे किसी ठेकेदार के माध्यम से होटलों में एवं निर्माणाधीन भवनों में मजदूरी का कार्य करते हैं, ठेकेदार का नाम बताने में बच्चे असमर्थ रहे। बच्चों ने अपना नाम क्रमशः विनय कुमार 14 पुत्र आशाराम, दीपकुमार 15 पुत्र प्रभुनाथ, उमर 13 पुत्र अमीर अहमद, विकास कुमार 13 पुत्र छोटेलाल, ईशू 17 पुत्र अमीर अहमद सभी निवासी बरका भुकुरूवा, थाना पचपेडवा जिला बलरामपुर बताया।
श्री कुमार ने बताया कि इन सभी बाल श्रमिकों को स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार के माध्यम से चाइल्ड लाइन गोण्डा के प्रतिनिधि आशीष मिश्र तथा देवीदयाल तिवारी को अग्रिम कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया गया।