गोण्डा ! जिले में निर्मित बृहद गौ संरक्षण केन्द्र व विभिन्न अस्थाई गौशालाओं के समुचित संचालन के लिए जिलाधिकारी ने अभिनव पहल करते हुए जिले के गौवंश कल्याणकारी संस्थाओं, गौशाला, गोसदन, एनजीओ या भारत सरकार के एडब्लूबीआई की पंजीकृत संस्थाओं से प्रस्ताव मांगे हैं।
यह जानकारी देते हुए डीएम डा0 नितिन बंसल ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित भरण पोषण की धनराशि के आधार पर इच्छुक संस्थाओं को गोवंश आश्रय स्थल का संचालन करना होगा। उन्होने गौ सेवा करने वाले संस्थाओं के लोगों से अपील की है कि इच्छुक लोग निराश्रित एवं बेसहारा गौवंशों को रखने व संचालन का कार्य शासन द्वारा निर्धारित खर्चे के आधार कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 32 गौ आश्रय केन्द्र बनाए जाने थे जिनके सापेक्ष 19 केन्द्र बनकर संचालित हेैं जबकि शेष 13 केन्द्र भी एक सप्ताह के अन्दर संचंालित हो जाएगे। जिलाधिकारी ने बताया कि गौ आश्रय केन्द्रों के संचालन के लिए मुख्य पशु अधिकारी कार्यालय विकास भवन में प्रस्ताव दिए जा सकते हैं।