सांसद निधि के कार्यो में लापरवाही बरतने वाली कार्यदाई संस्था यूपी सिडको से छिनेगा कार्य
गोण्डा ! सांसद निधि के तहत प्रस्तावित कार्यों का निर्माण कर रही संस्था यूपी सिडको द्वारा धनराशि निर्गत किए जाने के बावजूद निर्माण कार्य न पूरा कराने पर डीएम डा0 नितिन बंसल ने बेहद गम्भीरता से लेते हुए कार्यदाई संस्था से आवंटित धनराशि ब्याज सहित वापस लेने तथा संस्था पर जुर्माना लगाने के निर्देश सीडीओ को दिए हैं। यह कार्यवाही डीएम ने कैम्प कार्यालय पर आयोजित सांसद निधि योजना की समीक्षा के दौरान की है।
समीक्षा के डीएम ने निर्देश दिए कि सांसद निधि से प्रस्तावित जो भी कार्य पूर्ण हो गए हैं उनका उपभोग प्रमाण पत्र उन्हें उपलब्ध कराया जाय और जिन कार्यों की यूसी नहीं आई उनका कारण उन्हें बताया जाए। इसके अलावा सांसद निधि के कार्यो की डिजिटल डायरी बनवाने के निर्देश सीडीओ को दिए हैं। समीक्षा में ज्ञात हुआ कि सांसद निधि के तहत चयनित ज्यादातर कार्य यूपी सिडको को आंवटित किए गए हैं जिनमें विततीय वर्ष 2017-18 के तीन कार्य अभी अधूरे हैं। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित 50 कार्यो में से 23 कार्य यूपी सिडको को आवंटित किए गए जिसमे से एक भी कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो सका है। डीएम ने कार्यदाई संस्था के अधिकारी को मीटिंग में ही कड़ी फटकार लगाते हुए डम्प पड़ी धनराशि वापस लेने तथा कार्यदाई संस्था से सभी बड़े कार्य वापस लेने तथा जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार धानेपुर बाजार में डेड़ साल में एक एक अदद सुलभ शौचालय न बनवा पाने पर सुलभा इन्टरनेशल के नियत्रंक को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह की मरेहलत दी है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि लोकसभा चुनाव के पहले 19 कार्य प्रस्तावति किए गए थे जो कि टन्डर प्रक्रिया में हैं। वहीं तीन वर्ष पहले लोकसभा क्षेत्र कैसरगंज अन्तर्गत ग्राम अड़बड़वा से हरखापुर मार्ग पुलिया निर्माण कार्य अब तक पूर्ण न होने पर तत्काल कार्य वापस लेते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। नेडा द्वारा सांसद निधि के तहत प्रस्तावित सात सोलर लाइटें एक सप्ताह के अन्दर लगवाने के निर्देश नेडा विभाग को दिए हैं। इसके अलावा विवाद के कारण लम्बित मामलों को एक सप्ताह के अन्दर निपटाने तथा सांसद निधि के कार्यों को तहसीलवार आंवटित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं गोण्डा में यूपी सिडको का कोई भी एक्सईएन तैनात न होने पर शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सीडीओ आशीष कुमार, पीडी सेवाराम चैधरी, जेई यूपी सिडको, जेई डीआरडीए, जेई नेडा तथा प्रबन्ध समितियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।