बभनान (गोण्डा) !छुट्टा जानवरो की बढ़ती संख्या से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है।दिनो दिन बढती छुट्टा पशुओं की संख्या से हर कोई भयभीत नजर आ रहा है। मोटी लागत गाढी कमाई की फसले तबाह करते ही है साथ ही घटना दुर्घटना सडक हादसे मे बृद्धी अनेको सडक हादसे गवाह है।
देखा जाये तो इस सब के जिम्मेदार किसान पशुपालक को जाता है ।जिससे यह छोट्टा आवारा पशु गरीब किसानों के फसलों को चर कर बर्बाद कर देते थे और किसान अपना पेट पकड़ कर रह जाते थे। कभी गौवंशज ही किसानो के प्रमुख अंग माने जाते इनकी पूजा भी होती रही। लेकिन मशीनी तकनीकी आधुनिकता के दौर मे वही दूधारु पशु जैसे ही दूध देना बन्द किया अथवा बूड्डे हुये निरर्थक समझ कर छोड दिया कहना गलत न होगा जब तक स्वार्थ रहा रखे मतलब निकलते ही पशुपालक के आँखो मे काटे की तरह चुभने लगे। जिसका खामियाजा आज हर कोई भुगत रहा है। बावजूद पशुपालक आज भी पशुओ को इधर उधर छोडते रहे है जबकि गौ आश्रय केन्द्र भी है लेकिन वहा ना ले जाकर रात के अन्धेरे मे छोडना मुनासिब समझते है ।
गौर ब्लॉक के सिटकोहर के किसान शिवकुमार वर्मा का कहना है, कि धान की फसल को 20 प्रतिशत छुट्टा पशुओ ने नष्ट कर दिया है ,जिसके कारण धान कटाई में भी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है और फसल जो नष्ट हुवा सो अलग । और ठंडक के माह में भीषण कोहरे में सड़क के बीचों बीच बैठे और टहलते छुट्टा जानवर आये दिन दुर्घटना का कारण बनते है ।
जिसको संज्ञान में लेते हुए शासन प्रशासन ने शक्त आदेश देते हुये पशु छोडने वालो के खिलाफ कठोर कार्यवाही का आदेश जारी हुआ है कि छुट्टा जानवरों को छोडने के ऊपर पुलिस अधीक्षक बस्ती ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि अगर कोई भी छुट्टा पशुओं को छोड़ते हुए पाया जाए तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए । और कहीं से भी छुट्टा पशुओं को छोड़ने की सूचना मिले की कोई व्यक्ति लाकर किसी क्षेत्र में छोड़ रहा है तो पुलिस तुरंत वहां पहुंचकर उसके खिलाफ कार्रवाई करें कुल मिलाकर अब छुट्टा पशुओं को इधर उधर छोड़ना पड़ेगा महंगा । वही इस खबर से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, कि अब हम लोगों के फसलों की बर्बादी नहीं होगी बता दें कि अगर क्षेत्र में कहीं भी कोई व्यक्ति पशुओं को छोड़ने लाता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।
बहरहाल इस आदेश का कितना पालन होता है यह तो आने वाला समय बताएगा फिलहाल पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर चलाए जा रहे छुट्टा पशु छोड़ने वाले के खिलाफ अभियान में अब तक जिले में दर्जनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है वहीं आलाधिकारी ने बताया कि छुट्टा जानवरों से निजात पाने के लिए फसलों पर गोबर का छिड़काव करें, इससे फसलों को बचाया जा सकता है।
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