गोण्डा ! स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लापरवाही बरतने वाली आशाएं व एएनएम जिलाधिकारी के निशाने पर आ गई हैं। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने सख्त आदेश दिए हैं कि ऐसी 122 आशाएं जिन्होंने विगत तीन माह में एक भी संस्थागत प्रसव नहीं कराया है ,उनकी सूूची तैयार कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाय तथा ऐसी एएनएम जोे प्र्रसव व अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों में रूचि नहीं लेे रही हैं, के खिलाफ भी एक्शन लिया जाय।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की कार्यक्रमवार गहन समीक्षा की तथा जिम्मेदारों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर लागू करने में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतें। टीकाकरण की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि सीएचसी इटियाथोक व बभनजोत की स्थिति सबसे खराब है वहीं सुरक्षित मातृत्व अभियान में तरबगंज, बभनजोत, काजीदेवर, हलधरमऊ की परफारमेन्स सबसे खराब है। पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा में बच्चों की अपेक्षित संख्या में न आने पर उन्होंने पुनर्वास केन्द्र प्रभारी से जवाब तलब किया है तथा निर्देश दिए हैं कि पोषण पुनर्वास केन्द्र्र में कुपोषित बच्चों के एडमिशन में व्यक्तिगत रूचि लेकर बढ़ोत्तरी करें। कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा में अस्पतालों से अपेक्षित आवेदन फार्म न आने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के अन्दर ज्यादा से ज्यादा आवेदनों को प्राप्त कर प्रोबेशन कार्यालय में उपलब्ध कराएं। इसके अतिरिक्त बैठक में डीएम ने जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय अन्धता कार्यक्रम, मलेरिया नियंत्रण, आरसीएच पोर्टल, हाई रिस्क प्रेगनेन्सी, संस्थागत प्रसव, नशा मुक्ति अभियान सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की तथा प्रगति लाने के निर्देश दिए।
बैठक में सीडीओ आशीष कुमार, सीएमओ डाा0 मधु गैरोला, सीएमएस महिला अस्पताल डा0 ए0पी0 मिश्रा, डीपीएम अमरनाथ, डीसीपीएम डा0 आर0पी0 सिंह, यूनीसेफ डीएमसी शेषनाथ सिंह, डा0 मलिक आलमगीर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 देवराज, टीएसयू सौरभ रूप चन्दानी, डीडीएम सतेन्द्र सिंह तथा सभी प्रभारी चिकित्साधिकारीगण तथा अन्य स्वास्थ कार्यक्रमों के नोडल अधिकारीगण उपस्थित रहे।