आंगनबाड़ी केन्द्रो के निर्माण में लापरवाही बरतने व गलत रिपोर्टिंग करने पर डीएम ने लगाई फटकार
डीएम ने काम न करने वाली सुपरवाइजर व मुख्य सेविकाओं के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के दिए आदेश
गोण्डा ! जिला पोषण समिति की बैठक में समीक्षा करने के दौरान डीएम डा0 नितिन बंसल ने जनपद में वर्ष 2016-17 में स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु नामित कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा अब तक निर्माण कार्य न पूरा करानेे पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक्सईएन आरईएस को कड़ी फटकार लगाई है तथा नोटिस जारी करते हए उनके खिलाफ कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा वजन मशीन क्रय न करने पर सीएमओ से स्पष्टीकरण तलब किया है तथा गलत रिपोर्टिंग करने पर सीडीपीओ नवाबगंज, वजीरगंज तथा मनकापुर को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद में वर्ष 2016-17 में 80 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा किया जाना था परन्तु कार्यदायी संस्था द्वारा अभी तक मात्र 27 केन्द्र ही बनवाए गए और 53 आंगनबाड़ी केन्द्र, निर्माण की डेड लाइन पार होने के बाद भी अभी निर्माणाधीन हैं तथा विभाग द्वारा उच्चचाधिकारियों को निर्माण के सम्बन्ध में गलत रिपोर्टिंग की जा रही है। इससे नाराज डीएम ने एक्सईएन को 20 जनवरी की अन्तिम डेड लाइन देते हुए कार्य न पूर्ण होने पर गबन व धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी है तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखने की बात कही है। वहीं ग्राम पंचायत पटखौली में अधोमानक निर्माण होने पर उन्होंने जाचं के आदेश दिए हैं तथा ग्राम पंचायत बकुईखुर्द विकासखण्ड छपिया के आंगनबाड़ी केन्द्र में ग्राम प्रधान द्वारा ताला लगा देने की शिकायत पर उन्होंने ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्यवाही हेतु डीपीआरओ को निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने गांवों में आयोजित होने वाले सुपोषण दिवसों के दौरान बच्चों का वजन की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वजन मशीनें नहीं उपलब्ध हो पाई हैं। इस पर डीएम ने सीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब मंागा है। समीक्षा में यह भी ज्ञात हुआ कि कई सुपरवाइजरों एवं मुुख्य सेविकाओं द्वारा पोषण कार्यक्रमों में रूचि नहीं ली जा रही है। इस पर डीएम ने ऐसी सुपरवाइजरों एवं मुुख्य सेविकाओं को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के निर्देश डीपीओ को दिए हैं। पोषण मेले के सफल आयोजन के लिए उन्होंने अगले माह सुपोषण दिवस के दिन नोडल अधिकारी नामित करते हुुए निरीक्षण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि नोडल अधिकारी गांवों का भ्रमण कर सुपोेषण दिवसों का आयोजन कराएंगें तथा इसकी रिपोर्ट भी उन्हें देगें।
समीक्षा के दौरान डीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें भेजी जाने वाली रिपोर्ट में यदि गलत सूचनाएं पाई गई तो निश्चित ही सम्बन्धित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सब गांवों में नियमित रूप से भ्रमण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चों कुपोषण का शिकार न रहने पावे। चिन्हांकित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने तथा लगातार उनकी मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण का काम भी निर्धारित रोस्टर के अनुसार घर-घर जाकर पूर्ण कराएं तथा ड्यू लिस्ट भी अपडेट करें। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण कराने तथा एनीमिया की शिकार महिलाओं की जांच कराकर उन्हें समुचित उपचार मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जिन ब्लाकों के बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालयों में बैठने व शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है, वहां पर इन व्यवस्थाओं का कार्य राज्य वित्त व चैदहवें वित्त से कराया जाय। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एमडीएम का खाद्यान्न न पहुंचने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने डीएसओ को निर्देश दिए कि वे समय से खाद्यान्न पहुंचाना सुनिश्चित करें।
बैठक में सीडीओ आशीष कुमार, डीपीओ मनोज कुमार, पीडी सेवाराम चाौधरी, डीडीओ रजत यादव, डीआईओएस अनूप श्रीवास्तव, जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल, पीओ डूडा विनोद सिंह, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, एआरओ भानू सिंह सहित सीडीपीओ व प्रभारी चिकित्साधिकरीगण एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।