बलरामपुर ! प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से बलरामपुर सेवा केन्द्र के तत्वाधान में महाराज गंज लइबुड्डी ग्राम सभा में अमेरिका प्रसाद भाई एंव राजमनि भाई के यहाँ शिव ध्वजारोहण के उपरान्त अपने उद्धवोधन में ब्रम्हा कुमारी आमिता बहन ने कहा की वर्तमान समय में मानव के लिए जीवन जीना खाना पीना, अब तो अति दुर्लभ हो गया है। क्योंकि सनातन धर्म की परम परा को भूल कर भोग बिलास के तरफ बढ कर विदेशी सभ्यता को अपना रहा है , जिससे यज्ञ- जप -तप -पूजा- पाठ छोड़ कर अपने आप को एवम् पूरे विश्व को बिनाश के कगार पर पहुँचा दिया है ।अब ऐसी स्थित में अगर हम अपने अंदर परिवर्तन नही ला सकते हैं , तो नैतिकता का शर्वनाश हो जाएगा। इससे बचने के लिए जीवन में दैवी गुण धारण करना ही होगा ।
बी. के. शरिता बहन ने बताया की परंपरा को भूल कर जीवन जीना सीखना मुश्किल है, इसलिए अब मानव को संसार के स्वामी शत्यम् शिवम शुनदरम को अपना कर उनका कहना मानना जरूरी है । अन्यथा प्रेम सुख शांति, पवित्रता, एकता, अमन भाई चारा, बनाना होगा इसके लिए हम परमपिता परमेश्वर का अनुशरण कर सकते हैं इसके लिए हमें पान, वीड़ी , सिगरेट, माँस, मदिरा का सेवन छोड़ना होगा ।
व्यसन मुक्त होकर भगवान को भोग लगा कर भोजन खाँए तथा कर्मयोग का अनुसरण कर भोग वाद को अपने दिल से निकाल दें, तो नैतिकता से परिपूर्ण स्वर्णिम भारत पुनः बन जाएगा ।वरिष्ट राजयोग प्रशिक्षक ब्रम्हा कुमार रणधीर भाई जी ने बताया की वर्तमान समय में मानव जाति – पाँति – रंग भेद भाषा में वशीभूत हो गया है।दुर्व्यशनों का गुलाम होने के कारण आध्यात्मिक शक्ति का नहीं करता है , इसलिए आज का मानव – दानवी स्वभाव अख्तियार करता जा रहा है ” जिससे उसे अब अपनें अन्दर परिवर्तन लाना होगा ।इसके लिए सनातन धर्म और प्रमात्मा शिव के सान्धिय में रहकर पूर्ण मानव बनना होगा ,इसके लिए ब्रम्हाकुमारीज के पहलवारा सेवा केन्दर पर निःशुल्क में सहज राजयोग की कला सिखाई जाती है ।
उक्त अवसर पर गाँव गिराँव के तमाम भाई – बहनों नें सत्संग को सुनकर अपने जीवन से व्यसनों को निकाल कर सद्गुणों का समावेश करने का शंकल्प लिया , जहाँ भारी तादात में लोग उपस्थित रहे। राकेश भाई ,देवता प्रसाद भाई ,ओंकार नाथ भाई , बी.के.शिवानी बहन ,पूजा बहन ,उमा , दुर्गा ,मीरा बहन आदि लोंगो नें भंडारे एंव सत्संग में सम्मिलित हुए।
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