पश्चिमी िंसंहभूमि (झारखंड)। पिछले दिनों इस जगह से एक दर्दनाक हादसे की खबर आ रही हे जिसमें एक ही गांव कें एक दो नहीं सात लोगों का पहले हाथ पैर बांधा गया फिर उन्हें तीन किलोमीटर तक घसीटा गया इसके बाद उनके सिर कलम कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। इस हैरतअंगेज घटना के बाद ग्रामीण इतने दहशत में आ गये कि उन्होनें गावं ही छोड दिया, पीडित परिवार पर यह दहशत इतनी हावी हो गयी है कि वे घटना पर कुछ भी बोल नहीं पा रहे।
घटना विगत 16 जनवरी को घटी जिसमें एक ही गांव कें सात ग्रामीणों के सर काट उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया, ग्रामीण इस घटना को विवश होकर देखते रहे यह घटना इतनी र्दुदान्त थी कि कुछ लोग अपने होश तक खो बैठे। फिलहाल सीआरपीएफ गांव में कैम्प कर रही है और घटना के बाद से गांव छोडकर गये बुरूगुलीकेरा गावं के लोडरो बूढ, रोशन बारजो, गुसरू बूढ, सुकुआ बूढ की खोज कर रही है। लोडरो बूढ और रोशन बारजो घटना के बाद से ही लापता है जबकि गुसरू बूढ और सुकुआ बूढ घटना के दो दिन बाद दहशत के मारे गांव से भाग गये थें।
सीआरपीएफ पीडित परिवार के साथ गांव के अन्य लोगों को अपने साथ लोढाई कैम्प में ले आयी है लेकिन दहशत के मारे वे कुछ भी बता पाने में असमर्थ है। एसपी इन्द्रजीत महथा ने बताया है कि गांव छोडकर गये लोगों को ढुढा जा रहा है संभव है उनके मिलने के बाद घटना की सही जानकारी मिल सके।
यहां यह भी बताना आवश्यक हे कि अभी अभी ही झारखंड में चुनाव हुए है जिसमें हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री का पद संभाला हैं उनके पद भार ग्रहण करने के कुछ ही दिन बाद इतनी बडी घटना घटना कही न कही उनके आगामी कार्यकाल में घटने वाली बडी घटनाओं का अंदेशा दिखाता है, सूत्रों की माने तो यह घटना चुनावी रंजिश भी हो सकती है।
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