महाराजा महाविद्यालय में बौद्धिक प्रकोष्ठ के अंतर्गत भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय व्याख्यानमाला का हुआ शुभारंभ
छतरपुर(मध्यप्रदेश) । शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा बौद्धिक प्रकोष्ठ के अंतर्गत दो दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया।कार्यक्रम के पहले दिन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के भू विज्ञान विभाग से मुख्यवक्ता के रूप में शामिल डाॅ एम एम सिंह ने एप्लीकेशन आॅफ रिमोट सेन्सिंग इन जियोलाॅजी विषय पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
इस दौरान उन्होंने रिमोट सेन्सिंग यानि सुदूर संवेदन तकनीक को समझाते हुए,उससे जुड़ी महत्वपूर्ण शब्दावली से भी रुबरु कराया।वहीं उनके द्वारा रिमोट सेन्सिंग की भूगर्भशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र,वन संरक्षण,जलवायु परिवर्तन सहित अनेक क्षेत्रों में किए जा रहे उपयोग से भी अवगत कराया गया।उन्होंने उदाहरण के तौर पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सुदूर संवेदन तकनीक से प्राप्त डाटा को प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए,बुन्देलखण्ड की भूजल स्थिति,संस्तरित संरचना,वनस्पतिक क्षेत्र,मृदा संरचना आदि को सचित्र समझाया।इस दौरान उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र ग्रेनाइट आग्नेय शैल से बना हुआ है।जिसमें सघनता होने से पानी के मौजूद होने की संभावना कम होती है।लेकिन इस क्षेत्र में उपस्थित ग्रेनाइट शैल में भ्रंश,दरारें और संधि उपस्थित होने के कारण सीमित पानी मौजूद है।इसीलिए बुन्देलखण्ड में जल के लगातार अंधाधुंध उपयोग से जलसंकट गहराने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।
कार्यक्रम के अंत में भूगर्भशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा आभार प्रकट किया गया।जिस दौरान उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय के वनस्पतिशास्त्र विभाग द्वारा किए गए अविस्मरणीय सहयोग को धन्यवाद देते हुए सभी का आभार जताया।वहीं उन्होंने छात्र -छात्राओं से प्रत्येक कठिनाई का सामना करते हुए भी लगातार आगे बढ़ने की अपील करते हुए,प्रत्येक अवसर को अपने अनुकूल बना लेने की बात कही।
वहीं कार्यक्रम में शामिल कौशर अली,कमलेश प्रजापति,यश विश्वकर्मा,आशिया बानो,मदन साहू ,संजय अहिरवार,अभय साहू,प्रियंका गुप्ता सहित सभी छात्र-छात्राओं ने इस आयोजन को अति महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक बताते हुए कार्यक्रम और भूगर्भशास्त्र विभाग के छात्र हित में किए जा रहे लगातार प्रयासों को अत्यंत सराहा।
कार्यक्रम की मेजबानी महाविद्यालय के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा की गई,जिसके आयोजन में वनस्पतिशास्त्र विभाग का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में डाॅ एम एम सिंह,विशिष्ट अतिथि के रूप में वनस्पतिशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ मंजूषा सक्सेना,डाॅ पी के खरे प्रोफेसर वनस्पतिशास्त्र, मेजबान के रूप में भूगर्भशास्त्र विभाग से विभागाध्यक्ष डाॅ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह व डाॅ पी के जैन और भूगर्भशास्त्र व वनस्पतिशास्त्र विभाग के छात्र – छात्रा बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।
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