14 दिनों तक क्वेरेनटाइन में रहकर सेहत की सही देखभाल रखने एवं आसपास के लोगों को संक्रमण से बचाने में विभाग का सहयोग करने के लिए टीम ने किया जागरुक ।
जिले की चार मस्जिदों में मिले गैर-जनपद के 50 जमाती, सभी को क्वेरेनटाइन में रहने की दी गयी सलाह ।
गोंडा । कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में किये गए लॉक डाउन के बीच विदेशों, दूसरे राज्यों एवं शहरों से गाँव लौटने वाले लोगों को 14 दिनों तक अपने घर-परिवार से दूर रहना चाहिए । उनसे यह बात अपने और अपनों की भलाई के लिए की जा रही है । इसके पीछे मंशा यह है कि 14 दिनों तक उनको गाँव से बाहर स्थित स्कूल या सरकारी इमारतों में रखकर उनकी सेहत पर नजर रखी जाए । यदि इस बीच किसी में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आते हैं, तो उसकी जांच और इलाज की जाएगी । इस काम में जिले का स्वास्थ्य महकमा अन्य विभागों के सहयोग के साथ पूरी सतर्कता से लगा हुआ है । कंट्रोल रूम या अन्य माध्यम से बाहर से आने वालों की सूचना मिलते ही जनपद / ब्लॉक की क्विक रेस्पॉन्स टीम मौके पर पहुँचती है । टीम द्वारा लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कर 14 दिनों तक क्वेरेनटाइन में रहने की सलाह दी जाती है । ये बातें बुधवार को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने धानेपुर के अनवारुल उलूम मस्जिद में दिल्ली से आये नौ लोगों के थर्मल स्क्रीनिंग किये जाने के दौरान कहीं ।
उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम द्वारा सूचना मिली कि दिल्ली जमात से नौ लोग धानेपुर के अनवारुल मस्जिद में पहुँचे हैं । मौके पर पहुंचकर टीम द्वारा इन सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें सभी लोग सुरक्षित पाये गये । लेकिन इनको 14 दिनों तक चिकित्सीय निगरानी के साथ-साथ क्वेरेनटाइन (घर-परिवार से अलग) में रहने की सलाह दी गयी है ।
कोरोना वायरस का कहर दुनिया भर के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है । संक्रमण के भयानक प्रकोप से देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा देश भर में लॉक डाउन किया गया है । इस बीच विदेशों, दूसरे राज्यों एवं शहरों से बड़ी संख्या में लोग गाँव की तरफ पलायन कर रहे हैं । कोरोना का संक्रमण समुदाय में न फैलने पाये इसके लिए इसके लिए शासन द्वारा यह सख्त निर्देश जारी किया गया है कि बाहर से गाँव आने वालों की स्क्रीनिंग की जाये और उन्हें 14 दिनों तक क्वेरेनटाइन (घर-परिवार से अलग) में रहने की सलाह दी जाए । इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया रहा है । गांवों में बाहर से आने वाले लोगों की सूचना इकट्ठा करने एवं बचाव के तौर पर एहतियात और सावधानियों को अपनाने के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए गांव की आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी लगी हुई हैं । ये बाहर से आने वाले लोगों के घरों के दरवाजे पर स्टीकर चस्पा कर लोगों को दूरी बनाकर रहने के प्रति जागरुक कर रही हैं । इसके अलावा साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोने, किसी भी भींडभांड़ वाली जगह पर जाने से बचने सहित अन्य सावधानियों को अपनाने के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
12 मार्च के बाद विदेश यात्रा से लौटे 300 से अधिक लोगों को उनके घरों में होम क्वेरेनटाइन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित रूप से उनके सम्पर्क में है। उन्हें फिलहाल किसी प्रकार की समस्या नहीं है। इनमें से कुछ व्यक्तियों के क्वेरेनटाइन की अवधि समाप्त हो चुकी है। सभी को सख्ती से निर्देश दिया गया है कि वे अपने घरों पर रहें तथा जरूरी सामग्री उन्हें फोन पर उपलब्ध कराई जा रही है। गैर प्रांत से भारी संख्या में आने वाले श्रमिक वर्ग के लोगों को क्वेरेनटाइन करने के लिए 30 स्कूल कालेजों को आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जिन लोगों में सर्दी, जुखाम, खांसी इत्यादि के लक्षण नहीं पाए गए हैं, उन्हें उनके घरों में ही रहने की अनुमति दी जा रही है। स्वस्थ्य विभाग की टीमें उनसे लगातार सम्पर्क कर रही हैं। यदि किसी को कोई समस्या होती है, तो उसे तत्काल जिला चिकित्सालय में बनाए गए क्वेरेनटाइन अथवा आइसोलेशन वार्ड में आवश्यकतानुसार भर्ती करके उनके सैम्पल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे।