राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने आश्रय स्थलों में क्वारेंटाइन किये गए लोगों का किया कॉउंसलिंग
– मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के लिए 6392540889 पर सम्पर्क करने की अपील ।
गोंडा|कोरोना संदिग्धों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रखे जाने के लिए जिला मुख्यालय के दो इंटर कॉलेजों शहीदे आजम सरदार भगत सिंह ‘टॉमसन’ इंटर कॉलेज व श्री गाँधी विद्यालय इंटर कॉलेज में संचालित आश्रय स्थलों का सोमवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने भ्रमण किया । इस दौरान मनोचिकित्सक डॉ अशोक सिंह व नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ रंजना गुप्ता ने लोगों को मनोवैज्ञानिक थेरैपी देते हुए क्वारेंटाइन के महत्व से परिचित कराया । मुश्किल की इस घड़ी में खुद को अवसाद व मानसिक से बचाये रखने संबंधी जानकारी दी गयी । गौरतलब हो कि टॉमसन इंटर कॉलेज में 47 प्रवासी क्वारेंटाइन हैं जबकि गाँधी इंटर कॉलेज में 43 प्रवासी क्वारेंटाइन हैं, जिनमें से अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ रह रहे हैं ।
मनोचिकित्सक डॉ अशोक सिंह ने बताया कि भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में एकाएक ब्रेक लगने पर संतुलन बनाना बहुत ही जरूरी हो जाता है । यह वक्त भी कुछ वैसा ही है । कोरोना को हराने के लिए जहाँ सरकार हरसंभव प्रयास करने में जुटी है, वहीँ हमारा भी दायित्व बनता है कि ऐसे में हम भी धैर्य व संयम के साथ उसका पूरा साथ दें ।अपने दिलो-दिमाग पर कोरोना के भय को कतई प्रभावी न होने दें । हर वक्त न तो कोरोना के बारे में बात करें और न उस बारे में सोचें ही, ऐसा करने से आप बेवजह मानसिक तनाव में आ सकते हैं । हम जिस विषय में भी बहुत देर तक सोचते व मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है । ऐसे में उसका नफा-नुकसान नजर आने लगता है जो कि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है । इसके साथ ही उन्होंने लोगों को बार-बार साबुन और पानी से 40 सेकण्ड तक हाथ धोने तथा हर समय दूसरे व्यक्ति से दो मीटर की दूरी बनाकर रखने के प्रति जागरुक किया ।
नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. रंजना गुप्ता ने कहा कि लॉक डाउन में लोगों की आमदनी व आजादी कम हो गयी है और उनके पास फ़ालतू वक्त और असुरक्षा की भावना बढ़ गयी है लिहाजा तनाव बढ़ना लाजमी है । हम इस तनाव को नजरिया बदलकर दूर कर सकते हैं । लॉक डाउन कोरोना का फैलाव रोकने के लिए जरूरी है । दूसरा, आप घर व एकांत में रहकर देश और समाज के लिए योगदान दे रहे हैं । तीसरा, यह अनंत काल की समस्या नहीं है । यह जल्द ही ख़त्म हो जाएगा । लॉक डाउन के वक्त को छुट्टी की तरह इस्तेमाल करें । भविष्य की प्लानिंग करें । ऐसे ही समय में लोगों के धैर्य की असली परीक्षा होती है । इस समय अपनी बदली दिनचर्या में कुछ समय अपने शुभचिंतकों से फोन के जरिये जुड़कर भी पुरानी यादों को ताजा करने के साथ ही सम्बन्धों को फिर से एक ताजगी दे सकते हैं । इसके लिए भी सावधानी बरतने की जरूरत है कि एक दूसरे से फोन पर भी बात करते समय सिर्फ और सिर्फ कोरोना वायरस के खतरों के बारे में वार्तालाप न करें ।
इस मौके पर सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता उमेश भारद्वाज ने लोगों को इस कार्यक्रम के तहत प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी ।इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी प्रकार की जानकारी के लिए मो०नं० 6392540889 पर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क करने के लिए अपील किया ।
विशेष जानकारी के लिए संपर्क करें :
ध्यान रहे कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर जैसे सांस फूलना या अत्यधिक तेज बुखार होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180-5145 अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी/ जिला सर्विलेंस अधिकारी से तुरंत संपर्क करें ।
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