गोण्डा ! जिले और मंडल का प्रशासन महामारी कोरोना को लेकर कितना संवेदनहीन है आज मंडलायुक्त महेंद्र कुमार द्वारा जारी बयान से अच्छी तरह समझा जा सकता है, लॉक डाउन ४ आरंभ होने को है, जिला रेड जोन के दरवाजे पर खड़ा है और अब जाकर मंडल के इन सबसे बड़े अधिकारी की नींद टूटी है और इन्होने बाहर से आने वालो के मेडिकल परिक्षण को अनिवार्य करने की बात कही है, मंडलायुक्त के इस बयान ने जहाँ एक तरफ प्रशासन के अब तक किये गए दावों की हकीकत सामने ला दी है वहीँ कोरोना जैसी महामारी के प्रति अब तक अपनाये गए ढुलमुल रवैये को भी उजागर कर दिया है, केंद्र सरकार द्वारा चलाये गए श्रमिक स्पेशल ट्रैन से अब तक कई हज़ार श्रमिक जनपद और मंडल के अन्य जिलों में पहुँच चुके है जिन्हे मात्र प्रारम्भिक जांच के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई जबकि इन सभी को उचित समय तक कवारण्टीन करने की जरुरत थी !
रेड जोन के मुहाने पर पहुंचा जनपद तब जागा प्रशासन, बाहर से आने वालों का मेडिकल परीक्षण किया अनिवार्य
फ़िलहाल आज जारी बयान में आयुक्त, देवीपाटन मण्डल महेन्द्र कुमार ने मण्डल के सभी नागरिकों, ग्राम प्रधानों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की है कि कोविड-19 कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिये गाॅव में बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों को बाध्य कर ग्राम निगरानी समिति के माध्यम से अनिवार्य रूप से उनका मेडिकल परीक्षण सुनिश्चित कराया जाय, ताकि उनमें यदि कोई संक्रमित व्यक्ति है तो उसकी पहचान हो सके। इसके साथ ही अन्य ग्रामवासियों को संक्रमण से बचाया जा सके।
आयुक्त ने ग्राम प्रधानों व स्वास्थ्य कर्मियों से अपनी अपील में कहा है कि वे बिना मेडिकल परीक्षण के गाॅंवों में आने वाले प्रवासी मजदूरों व अन्य व्यक्तियों का शीघ्रातिशीघ्र संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजकर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करायें तथा लक्षण होने पर संबंधित केन्द्र पर भेजकर परीक्षण कराने की कार्यवाही पूर्ण करायी जाय और उन्हें मेडिकल क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाय।
आयुक्त ने जनसामान्य से अपनी अपील में कहा है कि सभी लोग सजग होकर बिना मेडिकल परीक्षण के गाॅंव में सीधे पहुॅंचने वालों को बाध्य करें कि उनका अवश्य मेडिकल परीक्षण हो और प्रत्येक दशा में उसे होम क्वारंटाइन में रखा जा सके। यह सभी के हित में है क्योंकि ऐसा न होने पर पूरे गाॅंव कोविड-19 कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। सभी के सहयोग व सजगता से पूरे गाॅंव को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।
अब देखना ये है की मंडलायुक्त का ये आदेश ऐसे में कितना प्रभावी होगा जब जिला रेड जोन के मुहाने पर पहुँच चूका है, और अब तक मिले कोरोना मरीजों में से अधिकांश मरीज ऐसे ही हैं जो जनपद से बाहर रहते थे और किसी न किसी साधन से जनपद में आये !