आगरा ! पूर्व केंद्रीय मंत्री, फिजी के उच्चायुक्त रहे व अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आगरा के गौरव अजय सिंह का गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में आज प्रातःकाल निधन हो गया । उनके इस आकस्मिक निधन से समूचे राजनीतिक पत्रकार जगत व समाज में शोक की लहर है श्री सिंह के निधन की पुष्टि अरविंद सिंह के द्वारा प्राप्त हुई।
अजय सिंह का जन्म 15 अगस्त 1950 में हुआ था उनके पिता स्वर्गीय कैप्टन भगवान सिंह प्रथम बैच के आईएएस थे जो कि खुद भी फिजी के उच्चायुक्त रहे थे अजय सिंह जी ने सेंट स्टीफन कॉलेज से बी ए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन केंटवरी विश्वविद्यालय न्यूजीलैंड से पत्रकारिता में की थी, शिक्षा के बाद न्यूजीलैंड टेक्नॉलॉजी में पब्लिसिटी और प्रमोशन ऑफिसर रहे
1976 में भारत लौटे 1977 से 1980 तक समाचार संपादक इंडिया टुडे और हिंदुस्तान टाइम्स के दैनिक अंग्रेजी अखबार में डिप्टी एडिटर के पद पर कार्य किया ।पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के कहने पर नौकरी छोड़ी और उनके साथ किसान ट्रस्ट का का काम संभाला और उसके मैनेजिंग ट्रस्टी के पद पर कार्य किया
चौधरी चरण सिंह के देहांत के बाद किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे। 1986 से 99 तक उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। 1999 में आगरा लोकसभा से चुनाव जीता वह केंद्रीय रेल उपमंत्री रहे, प्रथम बार आगरा को केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिलाया। 1996 में,HRD मंत्रालय के सीसीआरटी के चेयरमैन रहे तत्पश्चात 2005 में भारत सरकार ने उन्हें फिजी का उच्चायुक्त नियुक्त किया। उन्होंने आगरा के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाईऔर कार्यान्वित कराई ।
श्री सिंह ने कई किताबें भी लिखी और वर्तमान में भी एक किताब लिख रहे थे उन्होंने आगरा की गूंज ना केवल संसद, देश बल्कि विदेशों में भी पहुंचाई। श्री सिंह की धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमती शिरोमणि जी का देहांत कुछ वर्ष पूर्व भी हुआ था।
अजय सिंह के आकस्मिक देहांत से देश की राजधानी ही नहीं बल्कि समूचे देश के अन्य हिस्सों में भी शोक की लहर है उनका दाह संस्कार करोना काल के चलते सीमित परिजनों के साथ गुरुग्राम में ही आज सांय किया जायेगा ।श्री सिंह के गुरुग्राम स्थित निवास पर अनेक राजनैतिक,सामाजिक, तथा पत्रकारिता जगत की हस्तियों का संवेदना व्यक्त करने का आना-जाना लगा हुआ है,,अचानक एक निर्विवाद छवि सभी के प्रिय धूमकेतु का असमय जाना सब को स्तबध कर गया है,
उसके निधन की खबर मिलते ही आगरा शहर में उनके घनिष्ठ नजदीक रहे शिवकुमार शर्मा, श्ससार सिंह इन्दौलीया, अमरपाल सिंह दाह संस्कार की अंतिम रस्म पूरी कराने को गुरूग्राम पहुंच गए हैं । हम सब उसके आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हैं !