उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

टीकाकरण के बाद आरंभ हुई परिवार नियोजन सेवाएं

• आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के बाद परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू।

• कोरोना वायरस संक्रमण काल में रोक दी गई थीं परिवार नियोजन सेवाएं।

• प्रमुख सचिव ने पत्र जारी कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिवार नियोजन सेवायें शुरू करने के दिए आवश्यक दिशा-निर्देश।

गोंडा। कोरोना वायरस संक्रमण काल में प्रभावित हुई स्वास्थ्य सेवाएं धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं। आवश्यक सेवाओं के बाद अब परिवार नियोजन सेवाओं को भी बहाल किया गया है। इच्छुक व योग्य दंपति अब अपनी इच्छानुसार परिवार नियोजन की स्थायी या अस्थायी विधियों की निःशुल्क सेवा का लाभ ले सकते हैं।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. मलिक आलमगीर ने बताया कि इस वक्त कोरोना महामारी की रोकथाम में पूरा महकमा लगा हुआ है, जिसकी वजह से परिवार नियोजन सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी, लेकिन अब शासन ने इन सेवाओं को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं, जिस पर जिले में अमल शुरू हो गया है।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा परिवार सीमित रखने के जो भी संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं, वह सबके सब फिर से शुरू कर दिए गए हैं।

जिला अस्पताल के साथ-साथ समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भनिरोधक गोलियों व कंडोम की पर्याप्त उपलब्धता है। गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा की भी शुरुआत कर दी गई।

इसके अलावा प्रसव पश्चात कॉपर-टी (पीपीआईयूसीडी), कॉपर-टी (आईयूसीडी) की भी सुविधा सभी प्रसव इकाइयों में शुरू हो गयी है।

प्रमुख सचिव के पत्र की खास बातें-

प्रमुख सचिव ने कोविड-19 के लक्षणों के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार उन ब्लॉकों और शहरी क्षेत्रों, जिनमें कोविड-19 के केस दर्ज हुए हैं, में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों जिनकी ड्यूटी उन्हीं क्षेत्रों में पहले से लगी है, के माध्यम से सिर्फ खाने वाली गर्भनिरोधक गोलियों एवं कंडोम का वितरण कराया जाएगा।

इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में परिवार नियोजन सेवाओं की अंतराल विधियों का संचालन पहले की भांति किया जाएगा।

वहीं ऐसी आशा, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मी, जिनकी कोविड-19 के हॉट स्पॉट कंटेनमेंट जोन में ड्यूटी लगाई गई है या जो स्वास्थ्य कर्मी ऐसे क्षेत्र में पहले से ही रहते हैं या जिनमें कोविड-19 के लक्षण परिलक्षित होते हैं, उनकी ड्यूटी उपरोक्त कार्यों में नहीं लगाई जाएगी।

जिला फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर सलाहुद्दीन लारी ने बताया कि नॉन कोविड-19 प्रसव इकाइयों पर सभी अस्थाई विधियां जैसे- पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा, छाया, कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां आदि पहले की भांति संचालित की जाएंगी । साथ ही उन्होंने बताया कि जहां वीएचएसएनडी के सत्र आयोजित होते हैं, वहां पर आवश्यकतानुसार परिवार नियोजन से जुड़ी सामग्री का वितरण शुरू किया कर दिया गया है ।

सीमित परिवार की तरफ बना रहे रुझान-

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ आरपी सिंह का कहना है कि वर्तमान में कोरोना संकट से लोग जूझ रहे हैं । ऐसे में जनसंख्या विस्फोट भी एक ऐसा संकट है, जिसके लिए लोगों को जागरूक रहना चाहिए। इस समय लोग परिवार नियोजन सेवाओं से अपना मुंह न मोड़ें बल्कि इन्हें अपनाते रहें । उन्होंने कहा कि कोरोना समस्या के साथ ही पहले से ही चली आ रही जनसंख्या वृद्धि की समस्या को समुदाय के प्रत्येक नागरिक समझें और सीमित परिवार की तरफ हम सबका रुझान बना रहे ।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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