जेसीबी से तालाब की खुदाई कराना पड़ा महंगा, सचिव संस्पेन्ड, रोजागार सेवक की सेवा समाप्त तथा ग्राम प्रधान की पाॅवर सीज करने की नोटिस
जेसीबी मालिक सहित 04 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
मनरेगा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ डीएम ने जारी किया रिकबरी आदेश
गोण्डा ! मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाही शुरू हो गई है। मनरेगा के तहत खुदाई का कार्य जेसीबी से कराने पर विकासखण्ड मनकापुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत इटरौर की ग्राम विकास अधिकारी कु0 अमिता यादव को निलम्बित करने के साथ ही रोजगार सेवक मदन प्रसाद की सेवा समाप्ति, ग्राम प्रधान श्रीमती गोमती की पाॅवर सीज करने की नोटिस के साथ ही सचिव, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक व जेसीबी मालिक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान तथा रोजगार सेवक से एक-एक हजार रूपए की रिबकरी का आदेश जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल द्वारा जारी किया गया है।
बतातें चलें कि मुख्य विकास अधिकारी को विकासखण्ड मनकापुर की ग्राम पंचायत इटरौर के शुक्लपुरवा में विजय शुक्ला के घर के पास तालाब की खुदाई का कार्य मनरेगा से चल रहा है। 2.608 लाख रूपए की लागत से तालाब की खुदाई का कार्य कराये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। सीडीओ को मोबाइल पर सूचना मिली की तालाब की खुदाई का कार्य मनरेगा श्रमिकों से न कराकर जेसीबी से कराया जा रहा है।
शिकायत का त्वरित संज्ञान लेते हुए सीडीओ ने औचक निरीक्षण कराया तो मौके पर जेसीबी चलती पाई गई जिस पर ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान तथा रोजगार सेवक की मिलीभगत मानते हुए कार्यवाही की गई है तथा रिकबरी के भी आदेश जारी किए गए हैं। सीडीओ ने खण्ड विकास अधिकारी मनकापुर को जांच कर महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम-2005 में किए गए प्राविधानों के अनुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। सीडीओ ने स्पष्ट किया कि महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम-2005 के तहत ठेकेदारी प्रथा एवं कार्य में मशीनरी का प्रयाग पूर्णतः प्रतिबन्धित है। इसलिए जनपद में यदि कहीं भी मनरेगा कार्य में नियमों की उल्लंघन पाया जाएगा तो सीधेे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।