अज़ब ग़ज़ब अपराध उत्तर प्रदेश गोंडा

तो गोण्डा पुलिस ने शुरू किया ठगी का धंधा, नौकरी दिलाने के नाम पर वसूल लिये 25000, मामला पहुंचा न्यायालय

चौकीदार की नौकरी दिलाने का दिया झांसा

गोण्डा। यूं तो पुलिस पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए धनउगाही करने के आरोप लगना तो सामान्य सी बात है परन्तु अपने कार्यक्षेत्र से बाहर के कार्य कराने का प्रलोभन देकर एक अच्छी खासी रकम वसूलने अर्थात ठगी करने का आरोप लगना अपने आप में चौंकाने वाली बात है, कुछ इसी तरह का आरोप जनपद के एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी पर लगे हैं जो न्यायायल तक पहुचं चुका है और ताजा जानकारी के मुताबिक न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस से आख्या तलब की है।

मामला जनपद मुख्यालय का है, जनपद के थाना कौडिया के गा्रम परसिया रानी निवासी गंगा बिशुन ने मुख्य न्याययिक दण्डाधिकारी के समक्ष दिये अपने प्रार्थना पत्र में थानाध्यक्ष तरबगंज पर गम्भीर अरोप लगाते हुए बताया है कि आज से लगभग पाचं छह माह पूर्व इन्द्रजीत यादव से जनपद मुख्यालय के अम्बेडकर चौराहे पर हुयी जहां इन्द्रजीत यादव ने अपने आप को सहायक नगर कोतवाल बताते हुए बिरादरी जोडते हुए मीठी मीठी बात की और अपना मोबाइल नम्बर देते हुए कहा कि कोई काम हो तो बताना, यदि किसी को चौकीदार की नौकरी करनी होगी तो भी बताना। बेरोजगार होने के नाते मैने इन्द्रजीत यादव से कहा कि साहब मैं ही बेरोजगार हूं मेरा ही लगवा दीजिये। इस पर श्री यादव ने कहा कि 25000 रूपये लगेगें जो एक माह बाद वापस हो जायेगा।

बेरोजगारी का दंश झेल रहे गंगा बिशुन ने किसी तरह 25000 रूपये की व्यवस्था की और नगर कोतवाली पहुंच गया जहां फोन करने के कुछ देर बात इन्द्रजीत यादव आये और उन्होनें 25000 रूपये लेते हुए कहा कि कल 2 किलो घी लेते आना साहब को देना है साथ में अपना आधार कार्ड, दो फोटो, निवास और मार्कशीट लेते आना, उपरोक्त कागजात के साथ घी लेने के बाद इन्द्रजीत यादव ने यह कहते हुए वापस कर दिया कि 15-20 दिन बाद काम हो जायेगा।

एक माह व्यतीत होने के बाद भी जब गंगा बिशुन को नौकरी की कोई जानकारी नहीं हुयी तो वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय गया और वहा पर जानकारी की तो पता चला कि चौकीदारों की भर्ती हो चुकी है लेकिन इस नाम के किसी भी व्यक्ति की नौकरी नही लगी है, अपने आप को ठगा महसूस करने के बाद इन्दजीत यादव से मिला तो उन्होनें फिर से बेवकूफ बनाते हुए कहा कि दूसरी लिस्ट में तुम्हारा नाम आ जायेगा। शंका होने पर गंगा बिशुन ने अपना पैसा मागां तो श्री यादव ने कहा कि यहां सबके सामने बात करना उचित नहीं है, हम तुम्हारे घर आ जायेगें वही बात करेगें।

गगा बिशुन ने बताया कि विगत 13 मार्च को इन्द्रजीत यादव अपने एक सहकर्मी के साथ आये और 5000 रूपये देकर कहा कि बाकी कौ पैसा हम बाद में दे देगें। जब गंगा बिशुन ने पूरा पैसा वापस करने का दवाब बनाया तो इन्द्रजीत यादव ने धमकी देते हुए कहा कि ज्यादा दबाव बनाओगें तो फर्जी मुकदमें में फंसा कर जेल की हवा खिला दूगां, कप्तान से लेकर डीजीपी तक मेरी पहुंच है मेरा कुछ भी नहीं बिगाड पाआगे।

अपने साथ हुयी इस धोखाधडी की शिकायत जब गंगा बिशुन ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से की तो अपने एक सहयोगी से साथ आये इन्द्रजीत यादव ने उसे जबरन देहात कोतवाली लेजाकर खूब मारापीटा और हवालात में बन्द कर दिया, इतना ही नहीं सादे कागजात पर हस्ताक्षर करवा यह धमकी देते हुए छोड दिया कि यदि फिर कहीं शिकायत की तो ऐसा मुकदमा दर्ज करूंगा की जिन्दगी भर जेल में ही सड जाओगें।

इतना ही नहीं गंगाबिशुन ने पुलिस के उच्चधिकारियों पर पर आरोप लगाते हुए बताया कि एसपी और जिलाधिकारी को पंजीकृत डाक से मामले की शिकायत भी की परन्तु विभागीय मामला होने के कारण कही से भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी जिससे विवश होकर न्यायालय की शरण में आना पडा है। ताजा जानकारी के मुताबिक मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने मामले पर सुनवाई करते हुए पुलिस से मामले की आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

हालाकिं इस विषय पर वर्तमान में थानाध्यक्ष तरबगंज के पद पर तैनात इन्दजीत यादव से मामले पर जानकारी चाही गयी तो उन्होंने प्रत्येक आरोपी की भाति अपने आप को पूरी तरह निर्दोष बताते हुए पीडित से किसी भी तरह के सम्पर्क होने को नकारते हुए उसे पहचानने से भी इन्कार कर दिया।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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