इस्लामाबाद पाकिस्तान। जहां विश्व में सबसे पहले मस्जिद बनाये जाने का श्रेय भारत के पास है वही पाकिस्तान में बन रहे मन्दिर पर सरकार ने रोक लगा कर यह सिद्व कर दिया है कि इस्लाम में किसी और धर्म का कोई भी सम्मान नही है। हालाकि मिल रही जानकारी के अनुसार इस रोक को कानूनी पेचीदगीयों का मामला बताया जा रहा है।
पाकिस्तान के राजधानी इस्लामाबाद में बनाये जा रहे इस मन्दिर के भूमि पूजन समारोह का आयोजन पिछले दिनों पाकिस्तानी मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लाल चन्द मल्ही ने आयोजित किया था जिसके बाद मन्दिर की चहारदीवारी बनाने का कार्य आरम्भ किया जाना था, चहारदीवारी बनना आरम्भ होती इससे पहले ही कानूनी कारणों का हवाला देते हुए राजधानी विकास प्राधिकारण ने निर्माण पर रोक लगा दिया।
पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक पाटी्र तहरीक ए इंसाफ के सांसद मल्ही ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने मन्दिर निर्माण से सम्बधि्ांत सभी नियमों का पालन किया है उन्होनें चहारदीवारी बनाये जाने के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि मदरसे के छात्रों द्वारा समर्थित गुट ने वर्ष 2008 में इस जमीन पर कब्जा कर लिया था जिसे खाली कराने में काफी मसक्कत करनी पडी थी इसलिए पहले चाहरदीवारी का निर्माण किया जाना अति आवश्यक है।
कानूनी पहलुओं का हवाला देकर हिन्दू मन्दिर का निर्माण रोका जाना तो एक बहाना है जबकि सच्चाई तो यह है कि मन्दिर का निर्माण इस लिए रोका गया कि इस्लाम इसकी इजाजत नही देता जिसका प्रमाण इमरान खान की पार्टी के सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग क्यू ने मन्दिर निर्माण का विरोध यह करते हुए कहा था कि यह इस्लाम के खिलाफ है।