नई दिल्ली। गलवान में हाल ही में हुयी भारत और चीनी सैनिकों के बीच भिंडंत में शहीद के बाद भारत में बने चीन विरोधी माहौल में जहां भारत सरकार सहित अन्य स्तर पर चीनी कम्नियों के विरोध के स्वर सुनाई देने शुरू हो गये थे वही बीसीसीआई ने अपने चीनी प्रेम के कारण वीवो से करार न तोडने का ऐलान किया था। तभी से भारत के कई राष्ट्वादी संगठनों सहित आम जनता बीसीसीआइ्र्र को विभिन्न माध्यमों से बुरा भला कर रही थी।
विगत काफी दिनेां से चल रहे इस विरोध पर बीसीसीआई ने भी अपने घुटने टेकते हुए मंगलवार को वीवो को अलविदा कह दिया। मीडिया में आ रही खबरो ंपर यकीन किया जाये तो बीसीसीआई चीनी कम्पनी वीवो का स्पांसरशिप समाप्त कर रही है, आगामी 19 सितम्बर से आरम्भ हो रहे आईपीएल के नीवनमत संस्करण में ने बीसीसीआई किसी नये स्पांसर की तलाश करेगी। बीसीसीआइ्र्र और वीावो का यह कांन्ट्ैक्ट वर्ष 2022 तक था परन्तु इसे 2020 में ही समाप्त किया जा रहा है। यह यह भी ध्यान देने वाली बात है कि वीवो से बीसीसीआई को प्रति वर्ष 440 करोड रूप्ये की आमदनी होती थी।
राष्ट्वादी संगठनों के सर्वेसर्वा राष्ट्ीय स्वयंसेवक ने तो बीसीसीआई के वीवो प्रेम केा देखते हुए जनता से आईपीएल के बहिष्कार की अपील तक कर डाली थी इसके साथ साथ सोशल मीडिया पर बीसीसीआई अपने वीवो प्रेम के चलते बुरी तरह से ट्ोल हो रही थी।