लगातार शिकायतों के बाद भी नही टूट रही प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद
परसपुर गोण्डा। जहां प्रदेश सहित केन्द्र की सरकार गावों के विकास के लिए कटिबद्व है वही स्थानीय प्रशासन और ग्राम प्रधान की लापरवाही और भ्रष्ट नीति के चलते विकास तो दूर मूलभूत बुनियादी सुविधायें भी ग्रामवासियो को मुहैया नही हो पा रही है जिसके चलते विकास खण्ड परसपुर का एक गाव तीन माह से तालाब की शक्ल ले चुका है गांव वासी कमर भर के पानी में रोजमर्रा की जरूरते पूरी करने को विवश हैं, विडम्बना तो यह है कि प्रधान गाव वासियों की इस भीषण परेाानी के लिए उन्हें ही जिम्मेदार बता अपनी भ्रष्ट कार्यशैली पर परदा डालने का प्रयास कर रहा है। वही जिम्मेदार अधिकारी लगातार की जा रही शिकायतों को नजरअंदाज कर धृतराष्ट की भूमिका निभाते नजर आ रहे है।
प्रकरण विकास खण्उ परसपुर के ग्राम गुरसडी के गोसाईपुरवा में रहने वाले लगभग 25 परिवार के सैकडों लोग पिछले तीन माह से कमर भर के पानी के बीच अपनी जिन्दगी बिताने को विवश हैं, ग्राम प्रधान से लेकर उपजिलाधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी तक से दर्जनों बार अपनी समस्याओं पर गामवासी गुहार लगा चुके हैं परन्तु किसी ने समस्या को दूर करने का प्रयास को दूर की बात शिकायत का संज्ञान तक लेना भी मुनासिब नहंी समझा।
गांव के ही राजीव गोस्वामी ने गोसाईपुरवा के इस भीषण समस्या से अधिकारियों को अवगत कराते हुए लगाई गई अर्जी में बताया है कि सरकारी चकरोड का निर्माण न होने से पूरा पूरवा जलमग्न हो गया है, खेल खलिहान के साथ लोगों के घर भी पानी में डूब चुके हैं, लोग इस जलभराव से आवागमन को विवश है। लगभग 25 परिवारों के सैकडों लोग इस समस्या से पिछले तीन माह से पीडित हैं परन्तु न तो ग्राम प्रधान ने ही अब तक कोई सुध ली और न ही किसी अधिकारी ने शिकायत का संज्ञान लिया।
विडम्बना तो यह है कि जहंा अधिकारियों ने इस समस्या पर खामोशी ओढ रखी है वही प्रधान ने तो इस सभी समस्या के लिए गोसाई पुरवा के निवासियों को ही जिम्मेदार बता अपना पल्ला झाड लिया। फोन से हुयी वार्ता पर प्रधान प्रतिनिधि दयाराम गोस्वामी ने बताया कि गावंवालों ने ही चकरोड को बनाने नही दिया इसलिए यह समस्या सामने आ रही है।