गोण्डा ! बार एसोसिएशन गोण्डा एवं सिविल वार एसोसिएशन के तत्वावधान में संयुक्त बार का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी, वीरेंद्र त्रिपाठी एवं महामंत्री मनोजकुमार सिंह व प्रदीप कुमार पाण्डेय के नेतृत्व मे जनपद न्यायाधीश से मिलकर बिन्दुवार मांग पत्र दिया।
मांग पत्र में ग्राम न्यायालय प्रक्रिया वापस लिए जाने एंव कोविड-19 जैसे महामारी के समय सिविल बेतहाशा फीस बढ़ोत्तरी न्यायिक प्रक्रिया में नकल एंव अन्य फीस बढ़ोत्तरी को तत्काल वापस लिए जाने तथा अधिवक्ताओ के प्रवेश हेतु गेट संख्या दो को आरक्षित करने, तबतक के लिए जब तक सभी अधिवक्ताओ परिचय पत्र व वाहन पास बन न जाये ,तथा गेट नम्बर एक पर अधिवक्ताओ के निकलने पर तेजी से आ रहे वाहनो से दुघर्टना होना निश्चित है, इसलिए गेट नम्बर दो से पूर्व की भांति आवागमन जारी रखा जाये !
सिविल न्यायालय के न्यायाधीशो द्वारा जनपद के समस्त तहसीलो पर निरीक्षण करके ग्राम न्यायालय की स्थापना हेतु प्रयास किया जा रहा है, तहसील मुख्यालय पर ग्राम न्यायालय की स्थापना किसी भी दृष्टिकोण से न तो वादकारियों के हित मे है और न ही अधिवक्ताओ के, विगत कई वर्षो से यह मुद्दा अधिवक्ताओ एंव वादकारियो को आन्दोलित करता रहता है, जिसे तत्काल प्रभाव से स्थगित कर वापस लिया जाये,
उक्त मांगों को लेकर आज जिले के अधिवक्तागण जिला मुख्यालय पर शान्तिपूर्ण ढ़ंग से न्यायिक कार्य से विरत रकर अपना विरोध प्रकट कर रहे है, तथा उक्त मांग पत्र को एक प्रतिनिधिमंडल जनपद न्यायाधीश से मिलकर दिया ,
महत्वपूर्ण समस्याओं पर जनपद न्यायाधीश का ध्यान आकर्षित किया गया। जनपद न्यायाधीश ने सभी बिन्दुओं पर -विचार विमर्श किया । ज्ञापन के मांग पत्र के आंशिक बुन्दुओ को छोड़कर समस्त विन्दुओ पर सहमति व्यक्त करते हुए जनपद न्यायाधीश ने इसे लागू करने का अश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में
उपेन्द्र मिश्र, श्रीमान सिंह, राजेन्द्र तिवारी,रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव, माधव राज मिश्र, रामकृपाल शुक्ल, कौशल किशोर पाण्डेय, सन्तोष लाल तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष-अरविन्द कुमार पाण्डेय, सन्तोष कुमार ओझा,रामू प्रसाद समिल रहे।
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