गोंडा के खोड़ारे थानाछेत्र में नाबालिग दलित से गैंगरेप का मामला किया गया था उजागर
गोंडा। जिले में नवागत पुलिस अधीक्षक के आगमन से उनके मातहत लगता है कुछ ज्यादा ही उत्साहित हो गए हैं, अब इसे जिले के पुलिसकर्मियों की अपराध छुपाने की मंशा कहे या अपने विभागीय आका को खुश करने की चाहत, फ़िलहाल जो भी हो थानाध्यक्ष खोड़ारे ने वो काम कर दिया जो आजतक शायद जिले में किसी भी पुलिस अधिकारी ने नहीं किया था !
जिले के खोड़ारे थानाछेत्र में नाबालिग दलित बालिका से हुये गैंगरेप की कवरेज करना एक स्थानीय संवाददाता को मंहगा पड़ गया।कोतवाल ने रात उसे उसके घर से उठा थाने ले आया व पत्रकार के साथ अभद्रता करने के साथ उसे धमकाया।
बताते चलें कि,बीते 21 सितंबर की शाम को थाना क्षेत्र के एक गाँव में एक नाबालिग बालिका के शौच के लिये जाते समय पास के ही धर्मेंद्र व मुकेश के साथ एक अन्य युवक ने चार पहिया गाड़ी से अगवा कर जबरन किसी अज्ञात स्थान पर उठा ले गये ,तथा लगातार उसके साथ तीन दिनो तक बलात्कार करने के साथ अप्राकृतिक कृत्य भी करते रहे।बाद में उसे कोठे पर बेचने की बात करने लगे ।जब उसमें वह सफल नहीं हो पाये तो शुक्रवार की सुबह उसे खोड़ारे के समीप सूनसान जगह पर छोड़ते हुये उसे परिजनों व पुलिस से शिकायत पर परिजनो को जान से मार डालने की धमकी देकर चलते बने।सुबह दस बजे के करीब किसी के मोबाइल से पीड़िता ने परिजनों को रोते हुये अपने साथ घटी घटना की सूचना दी।
पीड़िता के पिता के मुताबिक सूचना पर मौके पर जब पहुँचे तो पीड़िता उनसे लिपट कर फूट-फूट कर रोते हुये अनाचार को बताया।जिसकी शिकायत उसने स्थानीय कोतवाली में की।
पत्रकार अभिषेक तिवारी ने बताया कि,इस गंभीर घटना की कवरेज कोतवाल प्रमोद सिंह को इतनी नागवार गुजरी कि,उन्होंने पहले पीड़िता के घर जाकर उसे बरगलाया फिर पत्रकार के घर रात करीब आठ बजे पहुँच कर उसे जबरन पुलिस जीप में अपराधियों की तरह डाल कर थाने ले आया व उसके साथ अभद्रता करते हुये जिंदगी बरबाद करने की धमकी दी।मामले की सूचना आग की तरह फैल गई।जिले के पत्रकारों व राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा इसपर सीएम समेत अन्य उच्चाधिकारियों को इस बावत अवगत करा उस पर रोष व्यक्त करते हुये अविलंब कार्यवाही करने की मांग की।जिसपर उच्चाधिकारियों द्वारा हस्तक्षेप पर आखिरकार कोतवाल को कवरेज करने वाले पत्रकार को तत्काल छोड़ना पड़ा।
अब सवाल यह है कि स्थानीय पुलिस की इस हरकत पर पुलिस अधीक्षक कोई कार्रवाई करेंगे या नहीं।बहरहाल पुलिस की इस हरकत पर जिले के पत्रकारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि यदि चौथे स्तम्भ पर हमला करने वाले इस कोतवाल के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गयी तो पत्रकार आंदोलन को बाध्य होंगे।