भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद मात्र एक तांगे से अपना जीवन शुरू करने वाले धर्मपाल गुलाटी ने आज अतिंम सांसे ली। एमडीएच अंकल और मसाला किंग के नाम से सुप्रसिद्व धर्मपाल गुलाटी महाशय ने 101 वर्ष की लम्बी उम्र में संसार को अलविदा कहा। हालाकिं इसके पहले भी कइ्र बाद सोषल मीडिया में उनके मृत्यू की खबरे अफवाहों को रूप् ले चुकी थीं।
1000 करोड का कारोबार करने वाली एमडीएच मसालों की कम्पनी के संस्थापक महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1919 में पािकस्तान के सियालकोट में हुआ था, बताया जाता है कि उनके जन्म के वर्ष मे ंही उनके पिता ने महाशिया दी हटटी नाम से एक मसाले की दुकान का श्रीगणेश किया था जहंा पर वे मसालों की बिक्री करते थे। भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद महाशय का परिवार भारत आ गया जहां पर उन्होनें कई वर्षो तक शरणार्थी की जिन्दगी गुजारी, स्थिति मेें कुछ सुधार आने के बाद उन्होनें अपने पिता से मिले पैसे से एक तांगे का संचालन आरम्भ कियज्ञं
कुछ समय बाद अपने व्यवसाय से असतंुष्ट महाशय धर्मपाल ने अपने पुश्तैनी मसाले के व्यवसाय को करोलबाग मे फिर से आरम्भ किया जो धीरे धीरे सफलता के छूता गया और उन्होनें वही पर एक दुकान किराये पर ले ली जिसका नाम उन्होनें वही पुराना महाशिया दी हटटी रखा। इसके बाद उन्होनें वर्ष 1959 में महाशिया दी हटटी को छोटा कर एमडएच नाम से कम्पनी की नीवं रखी दी।
वर्तमान में देश भर मंें 15 कारखानों को संचालन कर रहे एमडीएच का कारोबार लगभग 1000 करोड का है जहंा उनकी कम्पनी लगभग 50 तरह के मसालों का विर्निमाण करती है। उनके मसालों की प्रसिद्वि आज इतनी बढ चुकी है कि वे भारत ही नही विश्व के कई देशों मे निर्यात भी किये जाते है। महाशय धर्मपाल गुलाटीा वर्ष 2017 में भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले एफएमसीजी कम्पनी के सीईओ का खिताब भी हासिल कर चुके है।