पटना (बिहार)। माननीयों के ंसम्मान को बरकरार रखने के लिए बिहार सरकार ने एक बडी पहल करते हुए आदेश जारी कर दिया है कि यदि सोशल मीडिया पर किसी ने भी किसी माननीय के खिलाफ कोई अभद्र पोस्ट की तो उसे जेल की हवा खानी पडी सकती है। यह कार्यवाही सोशल मीडिया पर झूठा और भ्रम फैलाने वाला पोस्ट करने वाले व्यक्ति, संस्था या समूह पर भी होगी।
बिहार सरकार के एडीजी आर्थिक अपराध ईकाई नैयर हसनैन खान ने शुक्रवार को सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिवों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि यदि आपके विभाग में इस तरह का मामला सामने आता है तो आप आर्थिक अपराध ईकाई को उसकी विस्तृत सूचना देगें, ताकि दोषियों पर उचित कार्यवाही की जा सके। ज्ञात हो कि आर्थिक अपराध ईकाई साइबर अपराध की नोडल एजेन्सी है। सोशल मीडिया पर किये गये किसी भी तरह के अपराध जिसमें अश्ल्लीता, साइबर बुलिंगं, साइबर उत्पीडन जैसे मामलों को आर्थिक अपराध ईकाई के तहत ही रखा जाता है और इन पर कार्यवाही भी यही ऐजेन्सी करती है।
माना जा रहा है कि एडीजी नैयर हसनैन खां का यह पत्र बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस निर्देश के बाद लिखा गया है जिसमें उन्होनंे सोशल मीडिया पर भ्रामक और नकारातमक सामग्री पर आपत्ति जताते हुए पुलिस अधिकारियों को इसके विरूद्व सख्त कार्यवाही करने को कहा था। वही मिल रही जानकारी पर यकीन किया जाये तो बिहार सरकार का अपराध अनुसंधान विभाग भी एक संचार विंग के गठन का भी विचार कर रहा है जिससे लोगों के बीच सही जानकारी पहुच सके जिससे भ्रम की स्थिति न बने।
वही अपने मुलाकात में एडीजी हसनैन खंा ने बताया कि सोशल मीडिया का अनुचित प्रयोग साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह अगर किसी मंत्री, सांसद या फिर विधायक या किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक या भ्रामक टिप्पणी पोस्ट की जाती है तो पोस्ट करने वाले के खिलाफ साइबर अपराध के अनुसार ही कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही किस तरह की होगी यह जांच के बाद निर्धारित किया जायेगा।
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