दृष्टिकोण

अव्यवहारिक है “आधार” में नाम परिवर्तन की सीमा, समस्या के साथ समाधन बता रहे जीवन मित्तल

आधार के नए नियमों से: नाम परिवर्तन अधिकतम 2 बार संभव है। महिलाएं विवाह से पहले अगर किसी कारण से नाम या सरनेम में कोई जुड़ाव, बदलाव आदि करती हैं और फिर विवाह के बाद नए परिवार की सोच पर नाम या सरनेम में कोई जुड़ाव, बदलाव आदि करती हैं तो उनके नाम से सम्बंधित 2 चांस पूरे हो जाते हैं। करोड़ों महिलाएं विभिन्न कारणों से पति से अलगाव, सम्बन्ध विच्छेद के बाद मेडन नाम, मेडन सरनेम का प्रयोग चाहती हैं पर आधार में इसका प्रावधान नहीं है। करोड़ों महिलाएं भूतपूर्व पति का सरनेम अपने नाम से हटाना चाहती है। पुन: विवाह पर महिला को  नाम या सरनेम में कोई जुड़ाव, बदलाव आदि फिर से करवाना पड़ता है और UIdAI इसकी अनुमति नहीं देता।

राष्ट्रपति को जनसमस्या से जुड़े हज़ारों पत्र भेज चुके जीवन कुमार मित्तल का कहना है की नाम परिवर्तन और सरनेम चेंज 2 अलग बाते हैं पर प्राधिकरण इसे 1 बात मान महिलाओं का हक़ छीन रहा है। सरनेम चेंज को नेम चेंज से अलग मानना चाहिए। किसी महिला को सरनेम चेंज हेतु अवसर की सीमा नहीं होनी चाहिए। महिला कल्याण मंत्रालय को इस बारे में आगे आना चाहिए।

 

 

 

 

 

जीवन कुमार मित्तल 

 

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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