स्नातक तक के पढाई का भी खर्चा उठायेगी सरकार
तमिलनाडु। प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार ने कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर एक बडा निर्णय लिया है। मुख्यमत्रंी स्टालिन ने आज इस बात की घोषणा कर दी कि ऐसे बच्चों को पाचं लाख की आर्थिक सहायता के साथ साथ उनके स्नातक तक के पढाई का खर्चा भी सरकार उठायेगी।
हालाकिं सरकार ने अनाथ बच्चो की सहायता करने के बावत संकेत उस समय ही दे दिये थे जब उन्होनें जिलाधिकारियो को इस बात के आदेश दिये थे कि वे अपने अपेन जिलों में कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चो को डेटा तैयार करें। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का यह आदेश इस लिए भी विषेष है कि यदि इस तरह से अनाथ हुए बच्चो के माता पिता दोनांें या फिर केवल मा या पिता का निधन हुआ हो तो भी वे इस योजना के लाभार्थी होगें।
ऐसे बच्चों के खातें में यह रकम जमा करा दी जायेगी जो उनके बालिग होने पर ब्याज के साथ उन्हें दे दी जायेगी। इसके अलावा ऐसे बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनों की मौत हो गयी है ओर वे पूरी तरह अनाथ हो गये हैं उन्हें सरकारी आश्रय गृहों, छात्रावासों में रहने की प्राथमिकता से व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा ऐसे सभी बच्चों के रहने से लेकर उनके स्नातक तक पढाई का पूरा खर्चा भी स्टालिन सरकार उठायेगी।
तमिलनाडू सरकार द्वारा जारी बयान मे ंकहा गया है कि ऐसे बच्चे जिनके माता या फिर पिता दोनों मे ंसे एक की मृत्यू कोरोना के चलते हुए है उन्हें तात्कालिक सहायता के तौर पर तीन लाख रूप्ये दिये जायेगें। ऐसे बच्चे जिनका पालनपोषण उने किसी रिश्तेदार द्वारा किया जा रहा है उन्हे उनके बालिग होने तक तीन हजार रूप्ये मासिक की सहायता दी जायेगी।