पुलिस की मदद से एनजीओ ने कराया आजाद, दर्ज हो सकता है मुकदमा
भुवनेश्वर (उडीसा)। अभी एक दिन पूर्व ही पूर्व राजनेता और एनजीओ संचालक द्वारा देश की राजधानी मे एक किशोरी को बंधक बनाते उसका यौन शोषण करने तथा उसको जान से मारने की धमकी के मामले पर चल रही चर्चा पर विराम भी नही लगा था कि एक और इसी तरह का हैरत अंगेज मामला उडीसा की राजधानी से आया रहा है जिसमें एक पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा एक नाबालिक बालिका को अपने घर मे नौकरानी के तौर पर रखने का है। हैरानी होती है कि जिन अधिकारियो ंऔर समाज के महत्वपूर्ण शख्सियतो ंपर बाल श्रम को रोकने की जिम्मेदारी है वही जब इस बडे अपराध मे ंलिप्त होगें तो आम जनता इन अपराधो के प्रति कैसे अपनी जिम्मेदारी समझेगी।
ताजा मामला उडीसा की राजधानी भुवनेश्वर का है। मिल रही जानकारी के अनुसार यह आरोप राज्य के 84 वर्षीय पूर्व जिला कलेक्टर दीनानाथ पांडा पर लग रहा है। बताया जा रहा है कि पांडा ने अपन आवास पर एक 12 वर्षीय नाबालिग बालिका को अपने घर पर नौकरानी के तौर पर रख रखा था। जानकारी मिलने पर चाइल्डलाइन नाम के एक एनजीओ ने पुलिस की मदद से बालिका को वहा से आजाद कराया। चाइल्डलाइन के संचालक बेनुधर सेनापति ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हे सूचना मिली थी कि एक गरीबी से पीडित बालिका को बेहरामपुर से तस्करी के द्वारा लाकर यहां पर घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने के लिए रखा गया है जिसे नया पल्ली पुलिस के सहयोग से वहां से छुुडाया गया है।
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उन्होनंें इस बात का भी ख्ुालासा किया कि जिस घर से बालिका को छुउाया गया है वह घर पूर्व जिला कलेक्टर और पूर्व आबकारी आयुक्त दीनानाथ पांडा का है। यह मामला इस बारे मे भी खास बन जाता है कि जो बच्चो के अधिकारो को संरक्षण करने वाले हे वे ही उनका शोषण कर रहे है। मिल रही जानकारी के अनुसार पांचवी कक्षा की इस छात्रा को कथित तौर पर नवंम्बर 2020 मे ंप्रदेश के गंजाम जिले के बेहरामरपुर स्थित उसके गांव से तस्करी के माध्यम से लाया गया और पांडा के घर पर कामकाज के लिए रखा गया। बताया जा रहा है कि बालिका के पिता रिक्शा चलाते है तथा मा घरेलू काम करती है।
वही मामले पर अधिकारियो का कहना है बालिका को ख्ुार्दा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के सामने पेश किया जायेगा। वही चाइल्डलाइन के अधिकारियो का कहना है कि जिले के पुलिस के बालिका को न्याय दिलाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। चूकि यह मामला बाल तस्करी ओर घरेलू दासता का है इसलिए पुलिस को धारा 370, 374, 342, 34 आईपीसी और किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 79 और 75 के तहर मामला दर्ज कर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे आरोपी को प्रर्याप्त सजा मिल सके। उन्होनेें कहा कि किसी को भी बच्चो को शोषण करने की हिम्मत नही करनी चाहिए।
वही खुर्दा सीडब्लूसी के अपर अध्यक्ष परषुराम महाराणा ने कहा कि मामले मे जांच के बाद पूर्व जिला कलेक्टर पांडा के विरूद्व आईपीसी के तहर मामले दर्ज किये जा सकते है।