भारत अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध रहा है : उपराष्ट्रपति
देश का विश्वास हमेशा समावेश और भेदभाव रहित समाज में रहा है
मैं युवा शक्ति और क्षमता में विश्वास करता हूं, विश्व को बदलने की उनकी क्षमता में मेरी आस्था है
भारत प्रभावशाली विकास गाथा लिख रहा है, भारत की अर्थव्यवस्था शिखर की ओर बढ़ रही है
वेंकैया नायडू ने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के विद्यार्थियों को संबोधित किया
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत ने हमेशा अपने अल्पसंख्यक लोगों के प्रति उचित और भेदभाव रहित दृष्टि सुनिश्चित की है। हमारे देश की अकाट्य आस्था समावेशन और भेदभाव के बिना समाज में रही है। श्री नायडू आज नई दिल्ली में स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट ऑफ बिजनेस के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। ये विद्यार्थी उप राष्ट्रपति से मिलने गये थे।
उपराष्ट्रपति ने कुछ वर्गों द्वारा किये जा रहे छूठे दावों को नकारते हुए कहा कि भारत हमेशा अपने अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध रहा है।
श्री नायडू ने डॉ. जाकिर हुसैन, फखरूद्दीन अली अहमद तथा डॉ. ऐ.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसी अल्पसंख्यक समुदाय से आयी हुई हस्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उच्च संवैधानिक प्रशासनिक, न्यायिक और सैन्य पदों पर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विकास इच्छा में अल्पसख्यक समुदाय के लोग बराबर के साझेदार रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने विकास की शानदार कहानी लिख रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए किये जा रहे विभिन्न सुधारों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और अभी शीर्ष की ओर बढ़ रहा है। विश्व भारत को पसंदीदा निवेश स्थान के रूप में देख रहा है। श्री नायडू ने विद्यार्थियों से कहा कि वे हमेशा अपनी कंपनी के मुनाफे का एक भाग जरूरतमंद लोगों के लिए रखें, पर्यावरण कदमों को ध्यान में रखें और नवाचार पर निरंतर फोकस करें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपके व्यवसाय की छवि मानवीय होनी चाहिए।